जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) भारत और दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा के जरिए छात्र देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन पाते हैं। हर साल हजारों छात्र जेईई मेन और एडवांस्ड परीक्षा देते हैं, ताकि उन्हें आईआईटी में एडमिशन मिल सके। आज हम बात कर रहे हैं अर्णव सिंह की, जिन्होंने जेईई मेन 2025 (जनवरी सेशन) में 100 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं।
अर्णव का सफर
अर्णव का जन्म दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल में हुआ था, लेकिन उनका परिवार बिहार से है। उनके माता-पिता बाद में नागपुर (महाराष्ट्र) शिफ्ट हो गए और फिर भोपाल में बस गए। साल 2019 से अर्णव कोटा में पढ़ाई कर रहे हैं, जहां उनके पिता 2018 से गणित (Math) पढ़ा रहे हैं। वहीं, उनकी मां नेहा भारती होम मेकर हैं।
कोटा आने से पहले, अर्णव भोपाल में पढ़ते थे। अपनी इस सफलता पर उन्होंने खुशी जाहिर की और अपनी मेहनत व अपने पिता के सहयोग को इसका श्रेय दिया।
पिता का समर्थन और मार्गदर्शन
अर्णव के पिता, अजीत सिंह, कोटा के एक प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट में गणित पढ़ाते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कभी अर्णव पर कोई लक्ष्य तय करने का दबाव नहीं डाला, बल्कि उन्हें सिर्फ अच्छी तैयारी करने पर फोकस करने के लिए कहा।
उन्होंने आगे कहा “अगर वह 100 पर्सेंटाइल नहीं भी ला पाता, तब भी मुझे दुख नहीं होता, क्योंकि मुझे पता है कि उसने अपनी पूरी मेहनत लगा दी है। हम बच्चों पर ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए, बल्कि उनकी सही तैयारी करवानी चाहिए। अगर तैयारी अच्छी होगी, तो सफलता खुद ही मिलेगी।”
अर्णव की पढ़ाई और लक्ष्य
अर्णव ने कक्षा 10 में 97% अंक हासिल किए थे और वह हमेशा से अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर रहे हैं। वह ओलंपियाड के कैंप लेवल तक पहुंचे हैं और गणित में गहरी रुचि रखते हैं। हालांकि, अभी उनकी आगे की पढ़ाई को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनी है।
उनका मुख्य लक्ष्य जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced) पास करके आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) में कंप्यूटर साइंस (B.Tech) की पढ़ाई करना है।
अर्णव ने अपनाई यह स्ट्रैटेजी
अर्णव का मानना है कि लगातार रिवीजन और होमवर्क करने से समझ मजबूत होती है। वह हर दिन 10-12 घंटे पढ़ाई करते हैं और अपने पिता से डाउट्स दूर करवाते हैं।
अप्रैल में होने वाली जेईई मेन (सेशन 2) की तैयारी के लिए वह मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस क्वेश्चन हल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि शरीर और दिमाग को परीक्षा के लंबे समय तक बैठने के लिए तैयार करना बहुत जरूरी होता है, ताकि थकान महसूस न हो।