सोने का निखार लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल गोल्ड ने शानदार रिटर्न दिया था और इस साल भी वह मजबूती से आगे बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह का माहौल है और 2 अप्रैल से शुरू हो रहे ट्रंप टैरिफ के अगले दौर के मद्देनजर गोल्ड प्राइस चढ़ने की उम्मीद है। इस बीच, अरबपति कारोबारी और वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि यह भारत के लिए अपनी गोल्ड एसेट को पुनर्जीवित करने का सबसे अच्छा समय है।
उत्पादन और आयात में बड़ा अंतर
अनिल अग्रवाल सोने की कीमतों में आगे भी बढ़ोतरी को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच सोना और मजबूत हो सकता है। वेदांता के चेयरमैन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह समय सोने का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करने का है। उन्होंने भारत के 800 टन वार्षिक आयात और मात्र 1 टन के न्यूनतम घरेलू उत्पादन के बीच के बड़े अंतर पर चिंता व्यक्त की। अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती कीमतें स्वाभाविक रूप से लोकल माइनिंग ऑपरेशन की ओर निवेश आकर्षित करेंगी, जिससे नई परियोजनाओं की तुलना में कम अवधि में सोना निकालना आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो जाएगा।
We have seen it before, whenever there is great uncertainty in the global economy, the price of gold rises to record highs. As the safest investment, gold is going to shine. Forecasts expect it to rise well above the current $3000 per ounce level.
This is the best time for India…
---विज्ञापन---— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) March 24, 2025
इसलिए नहीं बढ़ा उत्पादन
भारत अपनी सोने की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात से पूरा करता है। सोने के बढ़ते आयात खर्च का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ रहा है। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में बड़ी संख्या में ऐसे स्वर्ण भंडार हैं, जिन्हें एक्सप्लोर किया जाना बाकी है। लेकिन प्रशासनिक परेशानियों, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और नीतिगत बाधाओं के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। पर्याप्त संभावना के बावजूद देश का उत्पादन कम बना हुआ है। अनिल अग्रवाल चाहते हैं कि भारत इन संभावनाओं को तलाशे और सोने का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे।
RBI ने भरा स्वर्ण भंडार
सोने में केवल आम ही निवेशक बढ़-चढ़कर पैसा नहीं लगा रहे, दुनिया के अधिकांश केंद्रीय बैंक भी खूब खरीदारी कर रहे हैं। भारत ने भी अपना गोल्ड रिजर्व काफी बढ़ा लिया है। 14 मार्च को समाप्त सप्ताह में हमारा स्वर्ण भंडार 66 मिलियन डॉलर बढ़कर 74.391 बिलियन डॉलर हो गया है। चीन ने भी बीते कुछ समय में अपने सोने के भंडार को काफी भरा है। केंद्रीय बैंकों द्वारा हो रही खरीदी के चलते भी सोने की कीमतों में उछाल आया है।
कहां से आता है सोना?
भारत कई देशों से सोना आयात करता है। 2023-24 में गोल्ड इम्पोर्ट में 30% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है। भारत के कुल गोल्ड इम्पोर्ट में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी देश की है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16%) और दक्षिण अफ्रीका (10%) का नंबर आता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देश के कुल आयात में सोने का हिस्सा पांच प्रतिशत से अधिक है।
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