Vande Bharat in Foreign vs Tejas Express Train: पिछले कुछ सालों में भारतीय रेलवे की तस्वीर बदलती नजर आई है। नई ट्रेनों से लेकर फ्रेट कॉरिडोर, ऑनलाइन फूड डिलीवरी समेत कई मायनों में रेलवे ने अच्छी-खासी तरक्की कर ली है। हालांकि भारतीय रेलवे का जिक्र आते ही लोगों के जेहन में सबसे पहला नाम नई लग्जरी ट्रेनों का आता है। पहला वंदे भारत एक्सप्रेस और दूसरा तेजस एक्सप्रेस। दोनों ही ट्रेनों का लोगों में काफी क्रेज देखने को मिलता है। हालांकि जहां वंदे भारत देश से लेकर विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है, तो वहीं तेजस एक्सप्रेस भारत में ही फ्लॉप साबित हो गई है। आखिर इसकी क्या वजह है?
वंदे भारत ट्रेन का विदेशों में जलवा
बीते दिन वंदे भारत ट्रेन को लेकर एक खुशखबरी सामने आई थी। कनाडा, चिली और मलेशिया समेत कई देशों ने वंदे भारत ट्रेन खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। मेक इन इंडिया के तहत बनी इस ट्रेन ने जापान की हाई स्पीड बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है। विदेशों में वंदे भारत ट्रेन के लोकप्रिय होने की 3 वजहें सामने आ रही हैं।
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1. वंदे भारत ट्रेन अन्य ट्रेनों की तुलना में काफी सस्ती है। अन्य देशों में वंदे भारत जैसी ट्रेनों की कीमत 160-180 करोड़ रुपये आती है, लेकिन भारत में यह ट्रेन 120-130 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो जाती है।
2. वंदे भारत ट्रेन को फ्लाइट की सवारी से भी बेहतर बताया जाता है। दरअसल विमान की तुलना में वंदे भारत ट्रेन के अंदर 100 गुना शोर कम होता है। साथ ही इसकी ऊर्जा की खपत भी बेहद कम होती है।
3. वंदे भारत ट्रेन ने जापान की बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है। बुलेट ट्रेन 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 54 सेकंड लेती है। मगर वहीं वंदे भारत ट्रेन महज 52 सेकंड में ही 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगती है।
तेजस एक्सप्रेस क्यों हुई फ्लॉप?
वंदे भारत से पहले 2019 में तेजस एक्सप्रेस ने जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। तेजस की लोकप्रियता इस कदर परवान चढ़ी की पहले ही साल ट्रेन ने 2.33 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया था। हालांकि कोविड लॉकडाउन के बाद यह ट्रेन घाटे में चलने लगी। तेजस की 200-250 सीटें अक्सर खाली रहने लगीं। नतीजतन इस ट्रेन से रेलवे को 62 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा होने लगा। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि तेजस एक्सप्रेस का प्राइवेटाइजेशन। ऐसे में तेजस की टिकटें काफी महंगी होती हैं। हालांकि उससे कम टिकट में शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनें बेहतर सुविधा देती हैं।
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