Gold Price: आम बजट पर चर्चा के बीच एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या बजट के बाद सोना और महंगा होने वाला है? गोल्ड की कीमतें पहले ही आसमान पर हैं। कई दिनों की तेजी के बाद हाल ही में उसमें गिरावट देखने को मिली थी। कल भी गोल्ड की कीमतों में हल्की नरमी दर्ज की गई। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना कल 80313 रुपये रहा, जबकि 27 जनवरी इसके दाम 80397 रुपए थे।
लगाईं जा रहीं अटकलें
बजट के बाद सोने की कीमतों में उछाल आएगा या गिरावट, इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) को डर है कि बजट के बाद सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। दरअसल, माना जा रहा है कि बजट में सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसकी कीमतों में और उछाल आना तय है।
WGC ने सरकार को चेताया
WGC का कहना है कि बजट 2025 में आयात शुल्क में किसी भी तरह की वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से तस्करी में वृद्धि हो सकती है, घरेलू सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं और इंडस्ट्री को पीछे की ओर धकेला जा सकता है। जुलाई में इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती से इंडस्ट्री को काफी फायदा मिला था, उस फायदे को बनाए रखने के लिए बजट में आयात शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए।
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GDP में इतना योगदान
सरकार ने सोने की कीमतों को स्थिर रखने और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयात शुल्क में कमी की थी। ऐसे में अब यदि बजट में आयात शुल्क में इजाफे का ऐलान किया जाता है, तो गोल्ड की कीमतें तेजी से चढ़ सकती हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि गोल्ड इंडस्ट्री देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में अनुमानित 1.3 प्रतिशत का योगदान देती है और बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न करती है। पिछले साल जुलाई में सोने पर कुल सीमा शुल्क 15% से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया था, जिससे इंडस्ट्री को काफी फायदा मिला।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।