---विज्ञापन---

बिजनेस

देश में हैं 3 ‘हल्दीराम’, आपको कौन-से Haldiram की चीजें पसंद हैं?

Three Company Run Haldiram Business In India : इन दिनों हल्दीराम ब्रांड के बिकने की चर्चाएं काफी तेज हैं। वहीं हल्दीराम ब्रांड परिवार के कई हिस्सों में बंटा है। देश के अलग-अलग हिस्से में बैठे परिवार के ये सदस्य हल्दीराम के बिजनेस को चलाते हैं। इनके आउटलेट भी खुले हुए हैं। एक आउटलेट में आपको हल्दीराम की लगभग सभी चीजें मिल जाती हैं। जानें, परिवार का कौन-सा सदस्य हल्दीराम से जुड़ा कौन-सा बिजनेस चलाता है:

Author Edited By : Rajesh Bharti Updated: May 17, 2024 12:49
Haldiram

Three Company Run Haldiram Business In India : आप जब भी हल्दीराम ब्रांड की कोई चीज इस्तेमाल करते हैं तो क्या आपने सोचा है कि यह किस कंपनी ने बनाया है। शायद नहीं, क्योंकि आप और हम सिर्फ हल्दीराम ब्रांड को जानते हैं, उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी को नहीं। आपको शायद पता न हो लेकिन यह बात सच है कि आज 3 अलग-अलग यूनिट हल्दीराम ब्रांड को संभालती हैं। यानी कह सकते हैं कि देश में 3 हल्दीराम कंपनियां मौजूद हैं।

परिवार के ये तीन सदस्य संभालते हैं बिजनेस

हल्दीराम बिजेनस की शुरुआत 1937 में गंगा भिसेन अग्रवाल ने की थी। इन्हें हल्दीराम भी कहा जाता है। हल्दीराम से 3 संतानें हुईं। इनमें से दो बेटों (मूलचंद अग्रवाल और रामेश्वर लाल अग्रवाल) ने हल्दीराम बिजनेस की जिम्मेदारी संभाली। अब बात आती है इस बिजनेस के मूल बंटवारे की। मूलचंद के चार बेटे हुए। इनके नाम शिव किशन अग्रवाल, शिव रतन अग्रवाल, मनोहर लाल अग्रवाल और मधुसूदन अग्रवाल हैं। इनमें शिव रतन अग्रवाल बिकाजी नाम से अलग ब्रांड चलाते हैं। बाकी के तीनों बेटे हल्दीराम के बिजनेस से ही जुड़े हैं। वहीं रामेश्वर लाल अग्रवाल के चार संतान हुईं। इनमें से प्रभु शंकर अग्रवाल हल्दीराम बिजनेस से जुड़े हैं।

---विज्ञापन---
Haldiram

तीन यूनिट संभालती हैं हल्दीराम का बिजनेस

ये तीन कंपनियां संभालती हैं हल्दीराम ब्रांड को

इस समय तीन कंपनियां हल्दीराम ब्रांड को संभाले हुए हैं। ये तीनों कंपनियां परिवार के अलग-अलग सदस्य देश के अलग-अलग शहरों में संभालते हैं। कह सकते हैं कि हल्दीराम ब्रांड की 3 यूनिट देश में काम करती हैं। इन तीनों कंपनियों के नाम और इनकी जिम्मेदारी इन्हें मिली है:

दिल्ली यूनिट (हल्दीराम स्नैक्स एंड एथनिक फूड्स) : मनोहरलाल अग्रवाल और मधुसूदन अग्रवाल
नागपुर यूनिट (हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल) : शिव किशन अग्रवाल
कोलकाता यूनिट (हल्दीराम भुजियावाला) : प्रभु अग्रवाल

---विज्ञापन---

क्वॉलिटी पर असर नहीं

आज अगर हल्दीराम ब्रांड की कोई नमकीन या स्नैक्स खा रहे हैं तो उसकी क्वॉलिटी पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है। कंपनियां अलग-अलग होने के बावजूद भी भाई ब्रांड पर कोई असर नहीं पड़ने देते। आप हल्दीराम की जो भी नमकीन खा रहे हैं, वह कौन सी कंपनी की है, इसके बारे में नमकीन के पैकेट के पीछे छपा होता है।

यह भी पढ़ें : कौन थे हल्दीराम जिनमें नाम पर बन गया इतना बड़ा ब्रांड? जानें- अब कितना बड़ा है परिवार
यह भी पढ़ें : Video: क्यों आई 70000 करोड़ की कंपनी के बिकने की नौबत? जानिए हल्दीराम की खत्म हो रही कहानी का सच

बिकने की है चर्चा

इन दिनों हल्दीराम बिजेनस के बिकने की चर्चा है। जिन कंपनियों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है उनमें दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट इक्विटी फंड ‘ब्लैकस्टोन’, अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर के जीआईसी शामिल हैं। हालांकि अभी खरीदारी पूरी नहीं हुई है। सिर्फ बात चल रही है। चर्चा है कि ये कंपनियां हल्दीराम में 74 से 76 फीसदी की हिस्सेदारी चाहती हैं। यह खरीदारी ब्लैकटोन के नेतृत्व में होगी। इस समय हल्दीराम की कुल वैल्यू करीब 70 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है।

यह भी पढ़ें : आखिर क्यों आई हल्दीराम के बिकने की नौबत? 3 कारणों में छिपा है सच

HISTORY

Edited By

Rajesh Bharti

First published on: May 17, 2024 12:49 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें