Success Story of PC Musthafa : गरीबी से निकलकर अमीर बनने तक का सफर काफी मुश्किल भरा होता है। कई तरह की परेशानियां रास्ता रोकने की कोशिश करती हैं। लेकिन इनमें कामयाब वही शख्स हो पाता है जो इनसे पार पा लेता है। ऐसा ही कुछ किया पीसी मुस्तफा ने। अंधेरी राह में भी इन्होंने हार नहीं मानी। पेट भरने के लिए कभी मजदूरी का काम करने वाले मुस्तफा ने अपनी मेहनत के दम पर आज 3000 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है। वह iD फ्रेश फूड कंपनी के फाउंडर हैं। उनकी कंपनी इडली, डोसा का बैटर समेत कई तरह के ‘रेडी-टू-कुक’ आइटम तैयार करती है।
टीचर ने उठाया पढ़ाई का खर्च
पीसी मुस्तफा का जन्म केरल में हुआ था। घर की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और बचपन गरीबी में बीता। उनके पिता मजदूरी करते थे। वह चाहते थे कि मुस्तफा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करें। एक बार मुस्तफा कक्षा 6 में फेल हो गए थे। इससे वह काफी दुखी हुए और सोचा कि वह अपने पिता की तरह मजदूरी करेंगे और परिवार की मदद करेंगे। फेल होने से हताश मुस्तफा ने मजदूरी शुरू कर दी। हालांकि वह ज्यादा समय तक यह काम नहीं कर पाए। उनके टीचर ने उन्हें समझाया और पढ़ाई जारी करने को कहा। उस टीचर ने उनकी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया। वह टीचर की बात मान गए और अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी।
When we started iD, I wanted to invite my mother to our kitchen. But I was nervous. This year, I couldn’t make it for the annual live audit, so we looked for a higher authority in quality. Grandmothers. And now that we have their approval, I will soon invite my mother too. pic.twitter.com/JMMfj4WeO8
— Musthafa PC (@Musthafa_PC) April 16, 2024
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नौकरी के साथ जॉब भी की
ऐसा नहीं है कि उनका आगे का सफर आसान हो गया। संघर्ष जारी रहा। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोटोरोला कंपनी में 15 हजार रुपये महीने की जॉब की। स्थिति कुछ संभली। इसके बाद उन्होंने आयरलैंड और दुबई में भी कुछ इंटरनेशनल कंपनियों में काम किया। बाद में वह जॉब के सिलसिले में अमेरिका चले गए।
दिल और दिमाग में चल रहा था बिजनेस
मुस्तफा के दिल और दिमाग में बिजनेस चल रहा था। उन्होंने अमेरिका वाली जॉब छोड़ दी और वापस इंडिया आ गए। यहां उन्होंने फूड का बिजनेस शुरू करने का प्लान बनाया। इसके लिए उन्होंने एक सर्वे किया और जाना कि मार्केट में किस तरह की कमी है और लोगों को किस चीज की जरूरत है। सर्वे के दौरान उन्होंने देखा कि कुछ दुकानों और रेस्टोरेंट पर इडली-डोसा का जो बैटर बेचा जाता है, वह क्वॉलिटी वाला नहीं है। इसके बाद उन्होंने इसी सेक्टर में एंट्री करने का प्लान बना लिया।
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25 हजार रुपये से की शुरुआत
मार्केट को समझने के बाद मुस्तफा ने ‘रेडी-टू-कुक’ फूड में एंट्री मारी और 2005 में अपनी कंपनी शुरू कर दी। बिजनेस की शुरुआत 25 हजार रुपये से की। उन्होंने बेंगलुरु में 50 वर्ग फुट में एक छोटी रसोई शुरू की और इडली-डोसा के लिए बैटर बनाने का काम शुरू कर दिया। साथ ही इन्होंने धीरे-धीरे दूसरे प्रोडक्ट में भी कदम रख दिया। आज कंपनी की कीमत 3000 करोड़ रुपये हो गई है। आज इनकी कंपनी के प्रोडक्ट लगभग हर घर में इस्तेमाल किए जाते हैं।