Startup Tax Exemption India: 1 फरवरी को भारत सरकार ने यूनियन बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में स्टार्टअप्स के लिए एक जरूरी एनाउंसमेंट की है। उन्होंने कहा कि अब 1 अप्रैल 2030 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। बता दें कि यह फैसला भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है। सरकार की यह पॉलिसी भारत को ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाने में मदद करेगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
भारतीय स्टार्टअप को बड़ी राहत
DPIIT (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80-IAC के तहत कर छूट दी जाती है। इस छूट के तहत स्टार्टअप्स को उनके रजिस्ट्रेशन के पहले 10 सालों में से लगातार तीन सालों तक 100% कर छूट मिल सकती है।
बजट घोषणा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए सपोर्ट जारी रखेंगे। मैं स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ की समयसीमा को पांच साल बढ़ाने का प्रस्ताव रखती हूं, जिससे 1 अप्रैल 2030 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को यह लाभ मिल सके। इस फैसले को स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है, जिससे नए एंटरप्रेन्योर को फाइनेंशियली बहुत राहत मिलेगी और इन्वेस्टर्स का भरोसा भी बढ़ेगा।
स्टार्टअप्स को कैसे होगा फायदा?
आर्थिक कानून अभ्यास (Economic Laws Practice) के पार्टनर राहुल चर्च के अनुसार, स्टार्टअप्स को यह कर छूट तभी मिलेगी जब वे DPIIT से मान्यता प्राप्त हों। इसके साथ ही किसी भी फाइनेंशियल ईयर में उनका ईयरली टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा न हो।
रस्तोगी चेम्बर्स के फाउंडर अभिषेक ए. रस्तोगी ने कहा कि यह फैसला स्टार्टअप्स को इस जरूरी टैक्स बेनिफिट्स के लायक बनाएगा, जिससे उनके शुरुआती सालों में कैश फ्लो और प्रोफिटेबिलिटी में सुधार होगा।
इन्वेस्टर्स के लिए फायदेमंद
क्राइसकैपिटल (ChrysCapital) के पार्टनर और COO एशले मेनेजेस ने कहा कि यह एक्स्ट्रा टाइम लिमिट युवा स्टार्टअप्स को स्टेबल पॉलिसी फ्रेमवर्क देगी। इससे वे अपने बिजनेस को बढ़ा सकेंगे, जॉब जनरेट कर सकेंगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था में विकास होगा। इसी के साथ सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का ‘फंड ऑफ फंड्स’ (FoFs) भी शुरू करने की घोषणा की है, जिससे स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता मिलेगी।
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