SEBI Update: बाजार नियामक सेबी ट्रेडिंग को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाने पर काम कर रहा है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की तैयारी निवेशकों के मोबाइल फोन को स्टॉक मार्केट ट्रांजेक्शन के लिए प्राइमरी गेटवे बनाने की है। इसके तहत ट्रेडिंग खातों को सिम कार्ड और डिवाइस से कनेक्ट किया जाएगा।
वन UCC- वन डिवाइस – वन सिम
दरअसल, SEBI ने मंगलवार को एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें UPI पेमेंट एप्लिकेशन की तरह ‘वन UCC- वन डिवाइस – वन सिम’ मैकेनिज्म की बात कही गई है। यह निवेशकों को केवल उनके रजिस्टर्ड मोबाइल और सिम कार्ड के माध्यम से ट्रेडिंग करने की अनुमति देगा।
डेस्कटॉप से ऐसे होगा लॉग इन
प्रस्तावित फ्रेमवर्क के तहत, ट्रेडर्स को अपने मोबाइल के IMEI नंबर और पंजीकृत सिम कार्ड के साथ अपने यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) को लिंक करना होगा। लॉग इन के लिए प्राइमरी सिम-बाउंड डिवाइस पर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी, जो अनधिकृत पहुंच के खिलाफ सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर जोड़ता है। डेस्कटॉप या लैपटॉप के माध्यम से ट्रेडिंग करने वालों के लिए, सेबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लॉग इन के समान टाइम-सेंसिटिव और प्रॉक्सिमिटी-बेस्ड QR कोड ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
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बैकअप सिस्टम की व्यवस्था
इसके अलावा, SEBI ने भविष्य में होने वाली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भी एक योजना बनाई है, जिसमें ऐसे निवेशकों के लिए बैकअप सिस्टम शामिल है जिनकी डिवाइस खो गई या फिर उन्होंने डिवाइस बदल ली है। बता दें कि ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अपर्याप्त तकनीकी नियंत्रण के कारण हैकिंग, पहचान की चोरी और धोखाधड़ी का खतरा बढ़ रहा है।
ऐसे होगी शुरुआत
शुरुआत में SEBI इस प्रस्तावित मैकेनिज्म को टॉप 10 स्टॉक ब्रोकर्स के साथ अमल में लेकर आएगा। बाद में इसका दायरा बढ़ाया जायेगा और फिर आखिरी में सभी के लिए इसे अनिवार्य बना दिया जाएगा। पारंपरिक ट्रेडिंग विधियों पर सेबी ने सुझाव दिया है कि कॉल-एंड-ट्रेड सुविधाओं को केवल स्टॉक ब्रोकर्स के सेंट्रलाइज्ड डेडिकेटेड फोन नंबरों और ईमेल पतों के माध्यम से अनुमति दी जाएगी। बाजार नियामक सेबी के इस प्रस्ताव पर 11 मार्च, 2025 तक टिप्पणी की जा सकती है।