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25 साल बाद शेयर बाजार में बड़ा बदलाव, बदली निफ्टी की एक्सपायरी; SEBI ने बताया क्यों है ये खास

Share Market: शेयर बाजार से जुड़ा बड़ा अपडेट आया है। करीब 25 साल बाद निफ्टी की एक्सपायरी के नियम में बदलाव किया गया है। इस पर SEBI ने कहा कि यह बदलाव समय की जरूरत है और इससे बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ेगी।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 29, 2025 07:38

Share Market: निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है। करीब 25 साल शेयर बाजार में एक अहम बदलाव होने वाला है। दरअसल, निफ्टी का एक्सपायरी नियम बदल दिया गया है। इस पर SEBI का कहना है कि ये सुधार से निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा और इससे स्टॉक मार्केट में भी लाभ होगा। ये एक्सपायरी अब गुरुवार की जगह मंगलवार को होगी। सेबी ने इस काम के लिए पूरी तैयारी भी कर ली है। ये फैसला फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) कॉन्ट्रैक्ट के लिए लिया गया है। बता दें कि ये नया नियम 1 सितंबर से लागू हो जाएगा।

ऐसा रहा निफ्टी एक्सपायरी का सफर

निफ्टी 50 की शुरुआत साल 1996 के 22 अप्रैल को हुई थी। निफ्टी फ्यूचर्स 12 जून 2000 को हुई थी और इसकी पहली एक्सपायरी 29 जून 2000 को हुई थी। तब ये सिर्फ मंथली एक्सपायरी हुआ करता था, इसमें महीने के आखिरी गुरुवार को एक्सपायरी होती थी। फिर इसे बदलकर 2019 में वीकली निफ्टी एक्सपायरी में बदला गया। इसमें भी एक्सपायरी का दिन गुरुवार को चुना गया था। अब NSE ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत एक्सपायरी मंगलवार के दिन होगी।

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क्या है निफ्टी एक्सपायरी?

निफ्टी एक्सपायरी F&O (Futures & Options) कॉन्ट्रैक्ट्स से जुड़ा नियम होता है। जब कोई निवेशक निफ्टी पर फ्यूचर या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदता है, तो उसकी एक समाप्ति तिथि तय होती है। उस तारीख को कॉन्ट्रैक्ट अपने-आप खत्म हो जाता है और उसका निपटान (Settlement) हो जाता है। आम भाषा में समझें तो, निफ्टी एक्सपायरी का मतलब है वह आखिरी दिन जब निफ्टी पर किए गए फ्यूचर या ऑप्शन सौदे वैध रहते हैं।

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इन बदलावों से क्या फायदे होंगे?

एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि एक्सपायरी की तारीख बदलने से बेवजह वोटेलिटी और तकनीकी कॉम्प्लिकेशन को स्थिर किया जाएगा। इस बदलाव से बाजार स्थिर और जोखिम का प्रबंधन सरल तरीके से होगा। कई बार अलग-अलग तारीखों पर एक्सपायरी होने से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव असामान्य तरीके से होते थे।

तय दिनों पर एक्सपायरी होने से निवेशकों को स्पष्टता मिल सकेगी और मार्केट में अनावश्यक गड़बड़ी होने से बचा जा सकेगा। नया बदलाव दोनों एक्सचेंज में संतुलन बनाए रखने का काम करेगा।

इससे निवशकों को भी फायदा होगा क्योंकि अब ट्रेडिंग पहले से काफी स्पष्ट होंगी और हफ्ते में सिर्फ 2 दिन ही बाजार पर दबाव बनेगा। ऐसे में SEBI का यह स्टेप इंडियन स्टॉक मार्केट में डेरिवेटिव ट्रेडिंग को ज्यादा पारदर्शी और पहले से बेहतर व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।

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First published on: Aug 29, 2025 06:45 AM

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