Rupee-Dollar Update: भारतीय रुपया एक महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। अभी रुपए की कीमत की बात करें तो $1 के मुकाबले में भारतीय रुपए की कीमत 83.27 है। यानी कह सकते हैं कि आने वाला समय भारतीय रुपया के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि हमास और इजराइल के बीच लगातार स्थिति खराब होती जा रही है। एक्सपर्ट की माने तो उनका भी यही कहना है कि युद्ध की वजह से जो स्थिति वैश्विक मार्केट में बनी है उसका असर पूरे विश्व के साथ भारत पर भी पड़ रहा है।
कच्चे तेल के दाम कर रहे हैं असर
कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, जो अगर आने वाले 10 से 15 दिन में नहीं रुके तो रुपया अपने ऑल टाइम लो लेवल पर भी जा सकता है। हालांकि स्थिति को संभालने के लिए आरबीआई पूरी तरह से कोशिश कर रहा है। लगातार डॉलर इंटरनेशनल मार्केट में बेचे जा रहे हैं। जिससे स्थिति गंभीर होने से बच रही है।
लेकिन अगर वैश्विक स्तर के हालत नहीं सुधरे तो फिर आरबीआई को मजबूरन फॉरेन एक्सचेंज को बचाना होगा जिससे रुपए के नीचे जाने की संभावना है।
इसका आम आदमी पर क्या है असर
यह तो एक खबर हो गई कि रुपया नीचे जा रहा है, लेकिन इससे आम आदमी पर क्या असर पड़ने वाला है? दरअसल इसका सीधा असर आम नागरिक पर नहीं पड़ता है। लेकिन जब देश में फॉरेन रिजर्व कम होते हैं तो कहीं ना कहीं आयत देश नहीं कर पता। और जब आयात कम होता है तो देश के अंदर महंगाई बढ़ने के चांस होते हैं।
अभी कुछ दिन पहले रिटेल और थोक महंगाई की दर सामने आई थी, जिसके आंकड़ों ने सभी को खुश कर दिया। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन बरकरार नहीं रह पाएगी, अगर इसी तरह से रुपया गिरता जाएगा।
RBI क्या कर रही है स्थिति सुधारने के लिए
रुपए की गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक इंटरनेशनल मार्केट में अपनी फॉरेन रिजर्व का इस्तेमाल करता है। अमूमन हालात एक हफ्ते के अंदर सुधर जाते हैं, लेकिन ये वॉर का समय है ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि कितने दिन के अंदर स्थिति सामान्य हो सकती है। अगर कच्चे तेल के दाम बढ़ना नहीं रुके तो फिर आरबीआई के लिए मुश्किल हो सकती है।