Retail Inflation: फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही। यह जनवरी के मुकाबले थोड़ी कम है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही थी। अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड यानि बर्दाश्त सीमा के ऊपर बना हुआ है। खुदरा महंगाई दर में इजाफे के गिरावट के कारणों पर गौर करें तो फरवरी महीने में खाद्य महंगाई दर घटकर 5.95 फीसदी रही है।जबकि जनवरी में खाद्य महंगाई दर 6 फीसदी रही थी।
अनाज, दूध की महंगाई दर काफी ऊंची रही है। फरवरी महीने में अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 16.73 फीसदी रही है। दूध और उसे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई 9.65 फीसदी रही है. मसालों की भी महंगाई नजर आ रही है।
लगातार दूसरे महीने छह फीसदी से ऊपर की महंगाई दर बना हुआ है। अप्रैल में एक बार फिर ब्याज दरें बढने का अनुमान है। आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया था। अब जब फिर से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के बाहर जा पहुंचा है तो फिर से कर्ज और महंगे होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
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