RBI Risk Weight: जब से आरबीआई ने बैंकों के लिए रिस्क वेट को बढ़ाया है तभी से बाजार में हल्ला मचा हुआ है। रिस्क वेट बढ़ने से लोगों का लोन लेना महंगा होने जा रहा है। इतना ही नहीं क्रेडिट कार्ड को भी रखना जेब पर भारी पड़ेगा। आपको बताते चलें कि बीते दिन देश के रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए रिस्क वेट को 25 फीसदी से बढ़ा दिया है। यानी NBFC जहां पहले 100 फीसदी प्रोविजन करके रखती थीं अब वो 125 फीसदी प्रोविजन किसी लोन के लिए बनाएंगी।
Regulatory measures towards consumer credit and bank credit to NBFCshttps://t.co/s3XBt0ki2u
---विज्ञापन---— ReserveBankOfIndia (@RBI) November 16, 2023
किस सेक्टर पर पड़ेगा असर
RBI के इस फैसले के बाद अब बाजार में डिमांड पर असर देखने को मिल सकता है। फेस्टिव सीजन में जहां कमाल की ग्रोथ खरीदारी में देखी गई थी, पिछले सीजन के मुकाबले 25 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। अब जब लोन बैंक से कम लोग लेंगे तो फिर एक बार से साल 2019 वाली स्थिति पैदा हो सकती है। जब भारत के बाजार में सप्लाई तो थी, लेकिन डिमांड उस प्रोडक्ट को खरीदने के लिए नहीं थी। इससे देश के अंदर मंदी के आसार बन गए थे।
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अनसिक्योर्ड लोन की ग्रोथ देश की इकॉनमी के लिए नहीं है ठीक
अब आने वाले 5 से 6 महीने में इस फैसले का असर देखने को मिल सकता है। साल 2020 से पर्सनल लोन वालों की संख्या में कमाल का इजाफा हुआ था। 15 फीसदी ज्यादा लोन बैंक के साथ NBFC ने पिछले 3 साल में बांटे हैं। हालांकि RBI का कहना है कि अनसिक्योर्ड लोन लेने वालों की संख्या का बढ़ना किसी देश की इकॉनमी के लिए ठीक नहीं है, इसलिए ये कदम उठाया है।
क्या है ये अनसिक्योर्ड लोन
आपको बता दें कि अनसिक्योर्ड लोन वो लोन है जिसके लिए बैंक ग्राहक से कोई भी संपत्ति गिरवी नहीं रखता है। ऐसे लोन में रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसलिए आपने देखा होगा कि NBFC से मिलने वाले पर्सनल लोन की ब्याज बहुत ज्यादा होती है।