PPF Vs EPF: आज के जमाने में महंगाई काफी बढ़ चुकी है। इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए आम आदमी को भविष्य का खतरा सताता रहता है। इस वजह से लोग बचत की तरफ भागते हैं। भारत में सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए सेविंग्स करने की कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। भविष्य निधि यानी PF उनमें से एक है, जहां नौकरी के दौरान फंड जमा होता रहता है। इस समय कर्मचारी भविष्य निधि के लिए ईपीएफ (EPF) और पीपीएफ (PPF) नाम की दो स्कीम चालू हैं। इनमें इन्वेस्ट करने से कोई भी व्यक्ति रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा कर सकता है। इस बीच सवाल उठता है कि क्या एक कर्मचारी दोनों में अपना खाता खुलवा सकता है?
EPF (Employee Provident Fund) क्या होता है?
- यह एंपलॉयर और कर्मचारी के बीच समझौते पर टिका होता है। इसमें दोनों का योगदान होता है।
- यह एंपलॉयर द्वारा दी जाती है और सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने सैलरी से कटता है। यह कटा हुआ पैसा इस अकाउंट में जमा हो जाता है।
- इसमें इन्वेस्ट किए हुए पैसे का कुछ प्रतिशत निकाला जा सकता है। हालांकि, पूरा पैसा निकालने की परमिशन सिर्फ रिटायरमेंट के दौरान ही दी जाती है।
- EPF अकाउंट एंपलॉयर द्वारा खोला जाता है और इसमें स्वतंत्र निवेश की फैसिलिटी नहीं दी जाती।
PPF (Public Provident Fund) क्या होता है?
- पीपीएफ में इन्वेस्ट करना किसी का अपना फैसला होता है।
- यह रिटायरमेंट के बाद अच्छे अमाउंट की बचत बनाने के साथ-साथ टैक्सपेयर को टैक्स में छूट की सुविधा भी देता है।
- इसके अकाउंट को व्यक्तिगत रूप से खोला जा सकता है और किसी को भी इसमें इन्वेस्ट करने की सुविधा मिलती है।
- इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल होता है लेकिन टाइम के बाद भी पैसा निकालने की परमिशन मिल जाती है।
एक कर्मचारी EPF और PPF दोनों में अपना खाता खुलवा सकता है?
हां, कोई भी कर्मचारी दोनों में इन्वेस्ट कर सकता है। एक व्यक्ति को दोनों में अपना खाता खुलवाने और रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने का अधिकार है।
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