Other Relief Expected: वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को पेश आम बजट में मिडिल क्लास को उम्मीद से ज्यादा दिया। उन्होंने सीधे 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया। अब जनता को एक और राहत देने की तैयारी चल रही है। आने वाले दिनों में GST के मोर्चे पर कोई बड़ी घोषणा हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका संकेत भी दिया है।
क्या कहा सीतारमण ने?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों में कमी आई है। पुरानी कर प्रणाली के तहत औसत अप्रत्यक्ष कर दर 15.8% थी, जो अब 11.3% हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने हर पहलू पर बहुत बारीकी से विचार किया है, ताकि यह देखा जा सके कि दरों में कहां कटौती संभव है। इसके अलावा, कुछ टैक्स रेट्स को एक साथ मिलाने पर विचार किया जा रहा। वित्त मंत्री के इस बयान से माना जा रहा है कि GST पर राहत मिल सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स का फंदा ढीला हो सकता है।
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अकेले केंद्र का काम नहीं
फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि पहले रोजमर्रा की चीजों पर 15.8% टैक्स लगता था, अब यह घटकर 11.3% हो गया है। GST काउंसिल द्वारा लगातार दरों में कटौती की जा रही है। इसके अलावा कुछ टैक्स दरों को एक साथ मिलाने पर विचार किया जा रहा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि GST दरों के निर्धारण का फैसला केंद्र सरकार अकेले नहीं लेती, यह पूरी तरह से GST परिषद पर निर्भर करता है।
बजट से थी उम्मीद
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST को कम करने की मांग लगातार उठ रही है। उम्मीद थी कि बजट में वित्त मंत्री इस संबंध में कोई घोषणा कर सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीमा क्षेत्र का कहना है कि GST कम होने से बीमा पॉलिसी सस्ती होंगी, जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस तरफ आकर्षित किया जा सकता है। माना जा रहा है कि GST काउंसिल की अगली बैठक में इस मांग को पूरा किया जा सकता है। साथ ही रोजमर्रा के सामान पर भी GST कम हो सकता है, जिससे आम आदमी को राहत पहुंचाई जा सके।