NPS News: राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा पहल है। इसका उद्देश्य सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। NPS की शुरुआत 1 जनवरी 2004 को की गई थी। इसे लेकर काफी बवाल भी मचा था, क्योंकि बड़ी संख्या में कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को कायम रखने के पक्ष में थे। हालांकि, सरकार ने NPS को आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। चलिए जानते हैं कि NPS को सेवानिवृत्ति योजना का हिस्सा बनाना क्यों अच्छा है।
कम फीस और योगदान
NPS सेवानिवृत्ति योजना के लिए उपलब्ध सबसे सस्ते प्लान में से एक है। दूसरों के मुकाबले इसकी फंड मैनेजमेंट फीस कम है। इसके लिए निवेशकों को हर साल महज 0.03-0.09% (30 से 90 रुपये प्रति लाख) का भुगतान करना पड़ता है। जबकि सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंड द्वारा आमतौर पर लगभग 2-2.5% एक्सपेंस फीस ली जाती है। इसके अलावा, एनपीएस टियर-1 खाता 500 रुपये से खोला जा सकता है और उसे एक्टिव रखने के लिए सालाना 1000 रुपये जमा करने होते हैं।
कई टैक्स डिडक्शन लाभ
एनपीएस-टियर 1 खाता कई कर लाभ प्रदान करता है। सालाना, एनपीएस योगदान धारा 80C के तहत कुल 1.5 लाख रुपये के टैक्स डिडक्शन का पात्र है। करदाता 80CCD(1b) के तहत धारा 80C लिमिट के अलावा 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का भी लाभ उठा सकते हैं। ध्यान दें कि यह लाभ केवल पुरानी कर व्यवस्था के तहत ही उपलब्ध है। नई कर व्यवस्था के तहत, केवल नियोक्ता द्वारा किए गए योगदान पर टैक्स छूट उपलब्ध है। जबकि कर्मचारी के योगदान पर कोई छूट नहीं है। नियोक्ता का योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10% तक हो सकता है, जो टैक्स फ्री रहता है।
अधिक लचीलापन
निवेशक लगभग 11 फंड मैनेजरों में से चुन सकते हैं, जिसमें साल में एक बार अपने मैनेजर को बदलने का विकल्प भी शामिल है। इसके अलावा, निवेशकों के पास साल में 4 बार तक अपने एसेट मिक्स को संशोधित करने का विकल्प भी है। इसमें हर महीने नियमित योगदान करना जरूरी नहीं है, क्योंकि टियर-1 खाता केवल 1000 रुपये के वार्षिक योगदान के साथ एक्टिव रहेगा।
रिटायरमेंट पर नियमित आय
NPS के तहत जब कोई व्यक्ति 60 वर्ष की आयु तक पहुंचता है, तो संचित पेंशन का 60% तक एकमुश्त निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगता। बाकी 40 फीसदी पैसे का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए करना पड़ता है, ताकि आपको हर महीने पेंशन मिलती रहे।
लंबे समय का साथ
NPS की एक खास बात यह है कि आप इसके साथ लंबे समय तक बने रह सकते हैं। एक साथ पूरा पैसा निकालने के बजाए आपके पास 75 वर्ष की आयु तक चरणबद्ध तरीके से निकासी का विकल्प होता है। कहने का मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र में NPS से बाहर नहीं निकलता, तो उसका खाता 75 साल की उम्र तक चलता रह सकता है।