Investment Tips: भारतीयों के पास अब इन्वेस्टमेंट के कई विकल्प हैं। ऐसे में अगर आप इन्वेस्टमेंट की तरफ जा रहे हैं तो यह मौका सही है। हालांकि अगर आप पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ जरूरी प्वाइंट है, जिनका ध्यान रखना जरूरी है। यहां हम आपके लिए उन जरूरी प्वाइंट को एक साथ लाए है, जो फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स के बहुत काम आ सकता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि निवेश हर व्यक्ति के लिए अलग ढंग से काम कर सकता है। ऐसे में जरूरी नहीं है कि जो चीज एक के साथ सही से काम करें वो दूसरे के साथ भी वैसे ही कारगर हो। इसलिए आपको अपने लिए दो पैरामीटर को तैयार करना होगा, जिसमें पहला आपका फाइनेंशियल गोल है, जबकि दूसरा आपके रिस्क लेने की क्षमता है। आज हम इन दोनों प्वाइंट्स के बारे में जानेंगे।
फाइनेंशियल गोल का रखें ध्यान
फाइनेंशियल गोल आपके जीवन में होने वाली हर वो बड़ी घटना से जुड़ा है, जिसमें एक बड़ी रकम की जरूरत होती है। इसमें आपकी पढ़ाई, वेकेशन, घर या गाड़ी खरीदना आदि शामिल हैं। इसके अलावा ये गोल आपके डेली खर्चों को पूरा करने से भी जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में इन्वेस्टमेंट से पहले अपने गोल्स का निर्धारण जरूरी है।
इसमे सबसे पहला कदम उन सभी गोल्स को लिस्ट करना है, जो आने वाले समय में आपके या परिवार के हो सकते हैं। इसके बाद आपको उन गोल्स को उनकी जरूरत के हिसाब से बांटना होगा और निर्धारित करना होगा कि कौन सा गोल जरूरी है। मान लीजिए अपने अपने बच्चों के साथ विदेश में घूमने की योजना बनाई है। इसके अलावा आपके दूसरे गोल में घर खरीदना या बेटी की शादी के लिए पैसे जुटाना शामिल है। ऐसे में कौन सा गोल ज्यादा जरूरी है, आपको इसका सेट करना होगा।
इसके अलावा आपको गोल्स के समय के हिसाब से भी इसे बांटना होगा। जैसे रिटायरमेंट की प्लानिंग एक लॉग टर्म गोल है, जबकि कार खरीदना एक शॉट टर्म गोल है।
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रिस्क लेने की क्षमता
जैसा कि हम जानते हैं कि म्यूचुअल फंड या कोई भी इन्वेस्टमेंट प्लान मार्केट रिस्क के साथ आता है। ऐसे में यह प्वाइंट भी जरूरी है कि आप कितना रिस्क ले सकते हैं। इसमें कुछ खास प्वाइंट हैं, जिनको ध्यान में रखना जरूरी है।
सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपने निवेश में कितना गिरावट झेल सकते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि मार्केट में उतार चढ़ाव बना रहता है। ऐसे में अगर बाजार डाउन होता है तो आपके निवेश में भी गिरावट आ सकती है। ऐसे में आपको धैर्य रखना होगा, ताकि जब बाजार उठे तो आपको इसका फायदा हो सकें।
बता दें कि इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि बाजार में कीमत कब गिरेगी या बढ़ेगी। ऐसे में आपको लंबे समय तक इंतजार करने के लिए तैयार रहना होगा ताकि जब बाजार की स्थिति सही हो तो आप प्रॉफिट पा सकें।
आप अपने रिस्क उठाने की क्षमता के हिसाब से ही किसी पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करें। अगर आप इन प्वाइंट में चूक रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल की मदद लेना सही रहेगा।
सबसे जरूरी बात निवेश करने के बाद आपका काम खत्म नहीं होता है। आपको लगातार अपने पोर्टफोलियो के स्टेटस में होने वाले बदलाव को मॉनिटर करते रहना होता है, ताकि आप इसको रिव्यू कर सके। बता दें कि हम निवेश अपने फ्यूचर फाइनेंशियल गोल्स के लिए करते हैं। ऐसे में आपको इन बदलावों को लगातार ध्यान में रखना होगा, ताकि आपको इसका लाभ मिल सके।