Artificial Intelligence: भारतीय आईटी सर्विस प्रोवाइडर विप्रो लिमिटेड (Wipro Ltd) ने बुधवार को कहा कि उसने अगले तीन वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि AI में निवेश का मकसद बड़े डेटा और एनालिटिक्स समाधानों के विस्तार के साथ-साथ नए अनुसंधान और विकास और प्लेटफार्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।
यह जानकारी प्रतिद्वंद्वी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा यह कहे जाने के लगभग एक सप्ताह बाद आया है कि उसने 25,000 इंजीनियरों को माइक्रोसॉफ्ट के एज़्योर ओपन एआई पर प्रमाणित करने के लिए प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है।
दुनिया भर की कंपनियों, बैंकों से लेकर बड़ी तकनीक तक, ने ChatGPT के बाद AI में निवेश दोगुना कर दिया है। बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट समर्थित OpenAI द्वारा एक जेनरेटिव एआई ChatGPT ने 2022 के अंत में दुनिया में तूफान ला दिया।
कंपनी ने अपने AI-प्रथम इनोवेशन इकोसिस्टम विप्रो ai360 को भी लॉन्च किया और कहा कि वह अगले 12 महीनों के दौरान अपने सभी लगभग 250,000 कर्मचारियों को AI पर प्रशिक्षित करेगी।
विप्रो के सीईओ थियरी डेलापोर्टे ने कहा, ‘विशेष रूप से जेनरेटिव एआई के उद्भव के साथ, हम सभी उद्योगों के लिए एक बुनियादी बदलाव की उम्मीद करते हैं।’
नौकरियों पर क्या पड़ेगा असर?
दरअसल, ऊपर जिस हिसाब से कंपनी ने AI को अपनाने और अपने कर्मचारियों को उसपर काम करना सिखाए जाने की बात कही गई है। उससे तो साफ है कि मिलकर काम किया जाएगा, लेकिन AI नौकरियों पर बड़ा खतरा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक तेजी से बढ़ रही है और आधुनिक जीवन के कई पहलुओं को बदल रही है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों को डर है कि इसका इस्तेमाल दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है और इससे नौकरियों को खतरा हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 77 फीसदी बिजनेस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अच्छे से इस्तेमाल कर रहे हैं।
AI कंप्यूटर को लगभग उसी तरह इस्तेमाल करता है जैसे कि वह कोई इंसान हो। एआई के उपयोग को नियंत्रित करने वाले वर्तमान में कुछ नियमों के साथ, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इसकी तेजी से होती वृद्धि खतरनाक हो सकती है। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा है कि एआई अनुसंधान बंद कर देना चाहिए। दुनिया भर की सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि एआई को कैसे विनियमित किया जाए।