CII Survey: कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के एक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी दृष्टिकोण सामने आया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 75% कंपनियों का मानना है कि वर्तमान आर्थिक माहौल निजी निवेश के लिए अनुकूल है। जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताओं और बाधित सप्लाई चेन से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत में निवेश को लेकर यह सकारात्मक भावना बनी हुई है।
70% ने दिए संकेत
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 70 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वे वित्त वर्ष 26 के दौरान निवेश करेंगी, इसलिए अगली कुछ तिमाहियों में निजी निवेश में बढ़ोतरी संभव है। CII ने प्राइवेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट, एम्प्लॉयमेंट और वेज ट्रेंड्स में वृद्धि का मूल्यांकन करने के लिए इंडस्ट्री सर्वे शुरू किया है।
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पहले भी किया इजाफा
आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन भी हाल की नीतिगत चर्चाओं के केंद्र में रहा है। सर्वे के शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि लगभग 97 फीसदी फर्मों को वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में रोजगार में वृद्धि की उम्मीद है। सर्वे में शामिल 79% कंपनियों ने बताया है कि पिछले तीन सालों में उन्होंने अपनी वर्कफोर्स में इजाफा किया है।
इतनी बढ़ेंगी जॉब्स
वित्त वर्ष 2025-2026 में अपेक्षित रोजगार वृद्धि से जुड़े सवाल पर लगभग 97 फीसदी कंपनियों ने संकेत दिया कि उन्हें रोजगार में वृद्धि होने की उम्मीद है। 42 से 46 प्रतिशत फर्मों ने रोजगार में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया है। जबकि 31 फीसदी से 36 फीसदी ने कहा कि जॉब्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है।
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इन 2 सेक्टर्स में ग्रोथ
CII की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में अगले साल 15 से 22% की डायरेक्ट एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ हो सकती है। जबकि इनडायरेक्ट एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ 14% होने की संभावना है। सर्वे में सीनियर मैनेजमेंट से जुड़े पदों को भरने में चुनौतियां भी सामने आईं। सर्वे में शामिल अधिकांश फर्मों ने बताया कि सीनियर मैनेजमेंट पदों को भरने में 1 से 6 महीने के बीच का समय लगता है, जबकि रेगुलर और कांट्रेक्चुअल वर्कर्स के रिक्त पदों को भरने में कम समय लगता है।
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मिल रहे पॉजिटिव संकेत
सीआईआई ने कहा कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ का दृष्टिकोण अच्छी गुणवत्ता वाली जॉब्स के क्रिएशन पर टिका है। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि भारत जियो-पॉलिटिकल चुनौतियों के बीच एक ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में उभरा है। विकास को आगे बढ़ाने वाले दो महत्वपूर्ण कारक- प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और एम्प्लॉयमेंट, पॉजिटिव नजर आ रहे हैं इसलिए हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की ओवरऑल ग्रोथ रेट 6.4 से 6.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 में 7.0 फीसदी रह सकती है।
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सैलरी में होगा इजाफा
सर्वे में शामिल करीब 40 से 45% कंपनियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में सीनियर मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, सुपरवाइजरी लेवल और रेगुलर वर्कर्स के लिए औसत वेतन में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यही ट्रेंड 2025 में भी जारी रह सकता है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन में बढ़ोतरी से निजी खपत में इजाफा होगा और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।