Union Budget 2025: सरकार ने 12 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है। हालांकि, यह व्यवस्था केवल न्यू टैक्स रिजीम (NTR) के लिए ही है। अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम को अपनाते हैं, तो आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा। इस तरह से सरकार ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को नई रिजीम की तरफ मोड़ने का प्रयास किया है। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या पुरानी कर प्रणाली (OTR) में बने रहने का अब भी कोई मतलब है?
इतना मिल रहा है लाभ
केंद्रीय बजट 2025-26 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास के करदाताओं को राहत प्रदान करते हुए न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव किए। इसके तहत टैक्स छूट को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी अगर आप 12 लाख कमाते हैं, तो आपको कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है। वहीं, वेतनभोगियों के मामले में यह 75 हजार का डिडक्शन जोड़कर यह 12.75 लाख रुपये है।
इन्हें भी मिला है फायदा
ऐसा नहीं है कि केवल 12 लाख तक की इनकम वालों को ही राहत मिली है। इससे ज्यादा कमाने वालों का भी वित्त मंत्री ने ख्याल रखा है। 20 लाख रुपये की आय वाले करदाता की अब 90,000 रुपये की बचत होगी। इसी तरह, 24 लाख रुपये कमाने वालों का टैक्स 1 लाख रुपये से ज्यादा कम हो जाएगा। इन टैक्स बेनिफिट्स को देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या करदाताओं को अब भी पुरानी कर व्यवस्था पर विचार करना चाहिए? हाउस रेंट अलाउंस (HRA), होम लोन ब्याज और 80C निवेश जैसे डिडक्शन ओल्ड टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाते आए हैं।
इस तरह समझें गणित
अगर आप 12 लाख से ज्यादा कमाते हैं, तो ओल्ड रिजीम एक बेहतर विकल्प हो सकती है – खासकर अगर आप HRA क्लेम करने में सक्षम हैं और टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में कम से कम 5.25 लाख का निवेश करते हैं। BT की रिपोर्ट के अनुसार, HRA के बिना भी, 13.75 लाख कमाने वाले करदाता की न्यू रिजीम (75,000 रुपये) की तुलना में पुरानी रिजीम (57,500) के तहत टैक्स लायबिलिटी कम होगी। यही बात 15.75 लाख तक कमाने वालों पर भी लागू होती है, बशर्ते वे टैक्स सेविंग स्कीम्स में अधिक निवेश करें।
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यहां NTR है बेहतर
15.75 लाख से अधिक की इनकम पर यदि कोई करदाता 3 लाख से अधिक का HRA क्लेम कर रहा है और कर-बचत योजनाओं में 5.25 लाख का निवेश कर रहा है, तो पुरानी व्यवस्था लाभकारी बनी रहेगी। हालांकि, जैसे-जैसे आय का स्तर बढ़ता है, समीकरण बदल जाता है। 20 लाख और उससे अधिक पर नई रिजीम बेहतर बचत प्रदान करती है, जिसमें कर देयता OTR के तहत 2.4 लाख की तुलना में कम हो जाती है। वहीं, 24 लाख की इनकम के मामले में NTR के तहत बचत बढ़कर 60,000 रुपये हो जाती है, यानी इस इनकम लेवल पर न्यू रिजीम बेहतर है।
आखिरी फैसला आपका
कुल मिलाकर कहा जाए तो 13.75 लाख और 15.75 लाख के बीच की आय वाले करदाता, जो कटौती का पूरा लाभ उठा सकते हैं, उन्हें OTR में बने रहने पर विचार करना चाहिए। जबकि 20 लाख या उससे अधिक कमाने वालों के लिए NTR अधिक आकर्षक है। हालांकि, आखिरी फैसला आपको ही लेना है।