Income Tax 2024 : इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर आप अखिरी तारीख तक टैक्स नहीं भरते हैं तो आपके पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नौकरीपेशा से लेकर बिजनेस करने वाले, सभी लोगों को ITR फाइल करना जरूरी है। देनदारी निकलती है तो टैक्स भी चुकाना पड़ता है। वहीं अगर आपने सोना बेचा है तो भी आपको ITR फाइल करना होगा और देनदारी बनने पर इनकम टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
हर तरह के सोने पर टैक्स
चाहें आप किसी ज्वेलर से फिजिकल सोना खरीदें या डिजिटल सोना या सरकारी स्कीम के अंतर्गत आने वाली सोने की स्कीम (पेपर गोल्ड) के अंतर्गत सोना खरीदें। इसे बेचने पर टैक्स देना पड़ता है। टैक्स कितना होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप खरीदे गए सोने को कितने समय बाद बेच रहे हैं। अलग-अलग तरह के गोल्ड (फिजिकल, डिजिटल या पेपर गोल्ड) पर अलग-अलग टैक्स देना होता है।
पूरी रकम पर नहीं लगता टैक्स
अक्सर लोगों के दिमाग में बात आती है कि जितने रुपये का सोना बिकेगा, उतनी रकम पर टैक्स देना होगा। ऐसा नहीं है। सोने से आपको जो प्रॉफिट होगा, टैक्स उसी रकम पर लगता है। मान लीजिए, आपने 5 साल पहले 2 लाख रुपये का सोना खरीदा था। आज आपने उसे 4 लाख रुपये का बेच दिया। ऐसे में आपको 2 लाख रुपये का प्रॉफिट हुआ। इसलिए टैक्स सिर्फ प्रॉफिट वाले 2 लाख रुपये पर ही लगेगा, पूरे 4 लाख पर नहीं। इसके लिए आपको सोना खरीदने का बिल पेश करना होता है।
फिजिकल और डिजिटल गोल्ड पर
फिजिकल और डिजिटल गोल्ड पर दो तरह से टैक्स चुकाना पड़ता है। पहला शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स और दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स : अगर आप सोने को खरीदने के 3 साल बाद बेचते हैं तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। यह टैक्स 20 फीसदी की दर से चुकाना होता है। इसमें आपको 4 फीसदी सेस टैक्स भी देना होता है। यह 20 फीसदी का होता है। ऐसे में आपको कुल 20.80 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स : अगर आप सोना खरीदने के 3 साल के भीतर बेच देते हैं तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है। सोना बेचने पर जो भी मुनाफा होता है, उसे आपको कमाई में जोड़ दिया जाता है। फिर आपकी कमाई इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आएगी, उसी के अनुसार आपको टैक्स चुकाना होगा।
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— Sreekanth | ReLakhs.com (@ReLakhs) October 3, 2023
पेपर गोल्ड पर भी टैक्स
ऐसी कई स्कीम हैं, जिनमें सोने में निवेश किया जाता है। यहां सोना फिजिकल नहीं, बल्कि पेपर के रूप में खरीदना होता है। इसमें गोल्ड म्यूचुअल फंड, ETF, सॉवरेन बॉन्ड आदि शामिल हैं। इन्हें बेचने पर हुई कमाई भी कैपिटल गेन्स के रूप में मानी जाती है। इन पर भी टैक्स फिजिकल और डिजिटल सोना बेचने जितना चुकाना होता है।
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