Emergency fund : जॉब छूटने, कारोबार में नुकसान होने या किसी और कारण से आया आर्थिक संकट कई बार कमर तोड़ देता है। जेब में अगर पैसे न हो तो एक-एक दिन काटना मुश्किल पड़ता है। अगर जॉब मिलने में ज्यादा समय लग रहा हो या कारोबार में मुनाफे का नामो-निशान तक न हो तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। अगर घर में इमरजेंसी फंड है तो इन दिनों को गुजारने में कोई परेशानी नहीं होती और न ही किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। इमरजेंसी फंड वह रकम होती है जिसे आप संकट के समय इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रकम बैंक अकाउंट में हो सकती है या जूलरी के रूप में भी। इस फंड के इस्तेमाल के बाद जब आर्थिक स्थिति ठीक हो जाए तो इसे फिर से बनाना शुरू कर दें।
कितना हो इमरजेंसी फंड
आप चाहे नौकरी करते हों या बिजनेस, इमरजेंसी फंड महीने के खर्चे का कम से कम 6 गुना होना चाहिए। दरअसल, माना जाता है कि जॉब जाने के अमूमन 3 महीने में दूसरी जॉब मिल जाती है वहीं कारोबार में होने वाले नुकसान की भी भरपाई 3 से 5 महीने में होने लगती है। हालांकि इमरजेंसी फंड खर्चे का 12 गुना हो तो बेहतर है। इस खर्च में घर के रोजाना होने वाले खर्च से लेकर होम लोन, व्हीकल लोन, इंश्योरेंस प्रीमियम आदि की रकम भी शामिल होनी चाहिए। अगर बच्चे हैं और वह स्कूल जाते हैं तो इसमें बच्चों की फीस भी शामिल कर लें।
कैसे बनाएं इमरजेंसी फंड
अब बात आती है कि इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं। जब जॉब हो और बिजनेस सही चल रहा हो, इमरजेंसी फंड तभी बनाना शुरू कर दें। हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम बचाएं और उसे बैंक अकाउंट या दूसरी स्कीम में इन्वेस्ट करें। अगर आपकी महीने की सैलरी 50 हजार रुपये है और आप महीने के सारे खर्चे निकालने के बाद 10 हजार रुपये बचा लेते हैं तो बेहतर होगा कि इसका 50 फीसदी यानी 5 हजार रुपये इमरजेंसी फंड में इन्वेस्ट करना शुरू कर दें। जब 6 महीने के खर्चे के बराबर रकम इकट्ठी हो जाए और कहीं कोई देनदारी न हो तो इस फंड को 12 महीने तक ले जाएं। 12 महीने के फंड के बाद बेहतर भविष्य के लिए दूसरी स्कीम में इन्वेस्ट शुरू कर दें।
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यहां जमा करें इमरजेंसी फंड
इमरजेंसी फंड हमेशा ऐसी जगह इन्वेस्ट करें जिसे इमरजेंसी में तुरंत या 24 से 48 घंटे में इस्तेमाल किया जा सके। पूरी रकम को बैंक अकाउंट में न रखें। दरअसल, समय के बाद रुपये की वैल्यू कम होती जाती है। इसलिए इमरजेंसी फंड की ज्यादातर हिस्सा ऐसी स्कीम में इन्वेस्ट करके रखें जहां रुपये की वैल्यू बढ़ती हो। इमरजेंसी फंड इन जगहों पर जमा करें:
- कैश के रूप में 10 हजार रुपये से ज्यादा न रखें। हालांकि अगर हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो कुल इमरजेंसी फंड का 10 फीसदी कैश के रूप में अपने आप रखें।
- बैंक अकाउंट में इमरजेंसी फंड के रूप में 50 हजार रुपये से ज्यादा की रकम न हो।
- कुछ जूलरी भी खरीद सकते हैं। इमरजेंसी में इसे तुरंत गिरवी रखकर रकम हासिल की जा सकती है।
- बाकी की रकम को डेट फंड जैसे लिक्विड फंड,अल्ट्रा शॉर्ट टर्म या शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, ओवरनाइट फंड आदि स्कीम में इन्वेस्ट करें। इससे पैसे की कुछ वैल्यू बढ़ेगी। खास बात यह है कि इमरजेंसी में यह रकम कुछ घंटे से लेकर दो दिन तक में मिल जाती है।