गूगल में काम करना करोड़ों लोगों का सपना होता ह, लेकिन अब वहां भी नौकरी की गारंटी नहीं रही। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल ने एक बार फिर सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल इन दिनों लगातार छंटनी की खबरों को लेकर चर्चा में है। जहां एक तरफ लोग गूगल जैसी कंपनियों में काम करने को सपना मानते हैं, वहीं अब वहां भी नौकरी की गारंटी नहीं रही। गूगल ने एक बार फिर सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह छंटनी खासतौर पर उन टीमों में हुई है जो एंड्रॉयड, पिक्सल फोन और क्रोम ब्राउजर जैसे सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स पर काम कर रही थीं। आइए जानते हैं पूरा मामला।
गूगल ने फिर की छंटनी, सैकड़ों कर्मचारियों को निकाला गया
टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल ने एक बार फिर सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। यह छंटनी कंपनी के “प्लेटफॉर्म्स और डिवाइसेज” डिविजन में की गई है, जो एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर, पिक्सल स्मार्टफोन और क्रोम ब्राउजर जैसे प्रमुख सॉफ्टवेयर पर काम करता है। समाचार पोर्टल ‘द इंफॉर्मेशन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल का यह कदम ऑपरेशन्स को सरल बनाने और खर्चों को कम करने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कुल कितने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, लेकिन यह बताया गया है कि यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही बदलाव प्रक्रिया का हिस्सा है।
🚨 Google lays off hundreds of employees in Android, Pixel Group: Report
It laid off hundreds of employees in its platforms and devices unit, which works on Android software, Pixel phones and the Chrome browser. pic.twitter.com/aS0qNmqidU
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टीमों को मिलाकर ऑपरेशन्स को किया जा रहा है सरल
गूगल ने पिछले साल अपने दो बड़े हिस्सों प्लेटफॉर्म और डिवाइस डिविजन को एक साथ मिला दिया था। इसका मकसद यह था कि काम जल्दी और बेहतर तरीके से हो सके। अब इसी काम को आगे बढ़ाते हुए, गूगल ने कुछ नौकरियों को खत्म कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि “हमने कामकाज को और बेहतर और तेज बनाने के लिए कुछ पदों को हटाया है।” इसके साथ ही इस साल जनवरी में गूगल ने एक खास योजना शुरू की थी, जिसमें कर्मचारी अपनी इच्छा से नौकरी छोड़ सकते थे। इस योजना को वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम कहा गया। यह योजना खासतौर पर अमेरिका में उन लोगों के लिए थी जो एंड्रॉयड, पिक्सल और क्रोम जैसे प्रोडक्ट्स पर काम कर रहे थे। इस तरह गूगल अपने कामकाज को और ज्यादा सटीक और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहा है।
कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया स्वैच्छिक निकासी कार्यक्रम
इस वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम का मकसद उन कर्मचारियों को मौका देना था जो नई टीम के तरीके में खुद को सही नहीं बैठा पा रहे थे, या जो ऑफिस और घर पर काम करने वाली गूगल की नई नीति (हाइब्रिड वर्क पॉलिसी) से खुश नहीं थे। लेकिन यह योजना गूगल की सर्च और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाली टीमों पर लागू नहीं की गई थी। यानी इन टीमों के लोगों को इस योजना से बाहर रखा गया था। इससे पहले फरवरी 2025 में भी गूगल ने अपनी क्लाउड डिविजन में कुछ लोगों की नौकरियां खत्म की थीं। हालांकि उस समय छंटनी बहुत छोटी थी और सिर्फ कुछ ही टीमों को इसका असर पड़ा था।
पिछले साल भी हुई थी बड़ी छंटनी, अभी भी 1.80 लाख कर्मचारी
गूगल ने साल 2023 में भी अपने दुनियाभर के करीब 6% कर्मचारियों की नौकरियां खत्म की थीं। उस समय हजारों लोगों को कंपनी से जाना पड़ा था। इसके बाद से गूगल ने कई बार छोटे और बड़े स्तर पर छंटनियां की हैं। फिर भी आज की तारीख में गूगल में लगभग 1,80,000 लोग काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों में बार-बार हो रही छंटनियां ये दिखाती हैं कि कंपनियां आज के बदलते डिजिटल दौर में खुद को ज्यादा तेज, स्मार्ट और कम खर्च वाली बनाना चाहती हैं।