सोने की कीमतों में आज फिर गिरावट आई है। 1 लाख की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोना पिछले दो सत्रों में लगातार गिरा है। अब यह वापस 98 हजार के लेवल पर आ गया है। हालांकि, इसके बावजूद इस साल सोने ने शानदार रिटर्न दिया है। शेयर बाजार की तुलना में गोल्ड ज्यादा तेजी से भागा है। इसका 2025 के पहले चार महीनों में रिटर्न 25% से ज्यादा रहा है।
आज क्या है भाव?
गोल्ड प्राइस 23 अप्रैल को लुढ़ककर एक लाख के नीचे पहुंच गए थे और आज यानी 24 अप्रैल को भी इसमें गिरावट आई है। गुड रिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोना का भाव 98,240 रुपये है। जबकि कल यह 98,350 रुपये पर बंद हुआ था। इस तरह, गोल्ड आज 110 रुपये सस्ता हो गया है। चांदी की बात करें, तो इसके दाम भी 100 रुपये की कमी के साथ 1,00,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं।
अब क्यों घट रहे दाम?
सोने की कीमतों में तेजी पहले डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर बनी अनिश्चितता और फिर यूएस-चीन के बीच ट्रेड वॉर के चलते आई थी। 2 अप्रैल को जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी टैरिफ का ऐलान किया, तो गोल्ड प्राइस कुछ कम हुए, क्योंकि टैरिफ पर तस्वीर साफ हो गई थी। लेकिन चीन के साथ अमेरिका के बढ़ते तनाव ने गोल्ड की चमक को फिर से निखारना शुरू कर दिया। अब यूएस-चीन तनाव भी घटने के संकेत मिल रहे हैं। यानी गोल्ड को मजबूती देने वाली दोनों वजह लगभग खत्म हो गई हैं। इसके चलते ही सोने के दाम में नरमी आई है।
क्या लगाया जाए दांव?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल गोल्ड में किसी बड़े निवेश से बचना चाहिए। अमेरिका-चीन के बीच तनाव कम हो रहा है और टैरिफ वॉर पर पूरी तरह विराम लगने के बाद गोल्ड प्राइस नीचे खिसक सकते हैं। ऐसे में बड़े निवेश पर बड़ा नुकसान हो सकता है। कुछ कमोडिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर यूएस-चीन के बीच हालात सामान्य होते हैं, तो अगले 6 महीनों में सोना 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर भी पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में 98 हजार पर दांव लगाने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
मुनाफावसूली कितनी सही?
मौजूदा गिरावट के बावजूद सोना रिकॉर्ड हाई पर है। ऐसे में मुनाफावसूली की जा सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे निवेशक जिनके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सोना अच्छी-खासी मात्रा में है, उन्हें थोड़ी प्रॉफिट बुकिंग करनी चाहिए। जिस तरह का माहौल अब नजर आ रहा है, उसमें गोल्ड प्राइस और नीचे जाने की संभावना है। लिहाजा, पोर्टफोलियो को कुछ हल्का करके प्रॉफिट बुकिंग करना अच्छी रणनीति रहेगी।
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