अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने शेयर बाजार के साथ-साथ सोने की चढ़ती कीमतों को भी नीचे ला दिया है। गोल्ड की कीमतों में आज गिरावट देखने को मिली है। ट्रंप ने भारत सहित दुनिया के कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाया है। 2 अप्रैल को उन्होंने इसकी घोषणा की और तुरंत इसका असर दुनियाभर के बाजारों पर देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार 3 अप्रैल की गिरावट के बाद आज यानी 4 अप्रैल को भी नरम नजर आ रहा है।
और नीचे आएंगे दाम?
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें पहले की तुलना में नीचे आई हैं। स्पॉट गोल्ड 0.5% गिरकर 3,097.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है, जो इस सप्ताह के शुरू में 3,167.57 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड पर जा पहुंचा था। इसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर भी मामूली गिरावट के साथ 3,118.90 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। माना जा रहा है गोल्ड के दाम अभी कुछ और नीचे आ सकते हैं, क्योंकि टैरिफ को लेकर अब तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो गई है।
आज क्या है कीमत?
भारत में सोने के दाम की बात करें, तो गुडरिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 91,640 रुपये हो गई है, जबकि कल इसका भाव 93,380 रुपये था। इस लिहाज से गोल्ड की कीमतों में 1,740 रुपये की गिरावट आई है। वहीं, चांदी भी एक बड़ी गिरावट का सामना कर रही है। सिल्वर के दाम चार हजार कम होकर 99,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। कल इसकी कीमत 1,03,000 प्रति किलोग्राम चल रही थी। ऐसे में यह निवेश का एक मौका बन सकता है।
अब क्या है अनुमान?
वहीं, अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मॉर्निंगस्टार (Morningstar) के एनालिस्ट जॉन मिल्स (Jon Mills) का कहना है कि सोने की कीमत अगले कुछ सालों में 38% तक गिर सकती हैं। यह गिरावट पिछले 12 महीनों में आई बढ़त को गंवाने जैसी होगी। जॉन मिल्स के अनुसार, सोने की डिमांड और सप्लाई के बीच का अंतर अगले कुछ सालों में तेजी से कम हो सकता है। जब सोना महंगा होता है, तो इसकी माइनिंग बढ़ जाती है। 2024 की दूसरी तिमाही में गोल्ड माइनिंग का औसत मुनाफा 950 डॉलर प्रति औंस था, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है। पिछले साल दुनिया में सोने का कुल भंडार 9% बढ़ा है। कई देश बड़े पैमाने पर सोने का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, पुराना सोना भी रीसाइकल किया जा रहा है। इससे बाजार में उपलब्ध सोने की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सप्लाई ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव बढ़ेगा और यह सस्ता हो जाएगा।
बढ़त की भी है उम्मीद
उधर, वॉल स्ट्रीट के कई एनालिस्ट को उम्मीद है कि सोने का निखार लगातार बढ़ता रहेगा। बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अगले दो साल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। जबकि गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 3,300 डॉलर प्रति औंस हो सकती हैं। इसी तरह, हाल ही में आई आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की दूसरी छमाही में सोना 96,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
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