Fed Rate Cut News: फेडरल रिजर्व ने बुधवार को अपने ओवरनाइट लेंडिंग रेट में चौथाई परसेंटेज पॉइंट यानी कि 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इससे टारगेटेड रेंज 3.5% और 3.75% के बीच आ गई. हालांकि साल की तीसरी इंटरेस्ट रेट कटौती कोई आसान फैसला नहीं था, कुछ सदस्य लेबर मार्केट में और कमजोरी को रोकने के लिए कटौती के पक्ष में थे और दूसरों को लगा कि ढील काफी हो गई है और इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है. 12 में से नौ सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट दिया, जबकि एक सदस्य को 50 बेसिस पॉइंट रेट कट की जरूरत महसूस हुई.
भारतीय बाजार (Indian stock market) पर असर
भारतीय बाजार को पहले से इसकी उम्मीद थी. इसलिए एक्सपर्ट्स को नहीं लगता कि फेड के इस कदम का इंडियन स्टॉक मार्केट पर कोई बड़ा असर पड़ेगा. IPO की बाढ़ की वजह से डोमेस्टिक मार्केट लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझ रहा है. स्टॉक मार्केट को बढ़त बनाए रखने के लिए IPO की भीड़ कम होनी चाहिए.
नरम रुख अपनाने वाला फेड आम तौर पर US डॉलर और बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड पर दबाव डालता है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी आने की संभावना बढ़ जाती है. फेड की पॉलिसी के बाद, डॉलर इंडेक्स 0.25% गिरकर 98.54 पर आ गया, जबकि US 10-साल के बॉन्ड यील्ड ज्यादातर फ्लैट रहे. इससे पता चलता है कि भारतीय शेयर बाजार में फेड पॉलिसी पर हल्का रिएक्शन देखने को मिल सकता है.
US फेड पॉलिसी का भारतीय स्टॉक मार्केट पर सीधा असर मामूली होगा, क्योंकि घरेलू मार्केट पर अभी दो खास घरेलू वजहों का दबाव है. FII की लगातार बिकवाली और पिछली छह तिमाहियों में कॉर्पोरेट की कमजोर कमाई हुई है. ऐसे में कुल मिलाकर, फेड के फैसले का भारतीय स्टॉक मार्केट पर बहुत कम असर पड़ेगा, क्योंकि यह घरेलू कमाई, ग्रोथ ट्रेंड और US-इंडिया ट्रेड डील जैसे डेवलपमेंट पर ज्यादा फोकस कर रहा है.










