Crude Oil Price High After OPEC+ Prospect Output Cut : दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत को लेकर चर्चा होती है। इसका कारण है कि तेल पर ही दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। पिछले कई हफ्तों से कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। शुक्रवार को यह गिरावट थम गई और इसमें मामूली तेजी देखी गई। यह तेजी ऐसे समय देखने को मिली है जब OPEC+ने तेल उत्पादन में कटौती जारी रखने की बात कही है। दरअसल, मिडिल-ईस्ट में जारी तनाव के कारण कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो रही थी। साथ ही मांग की अनिश्चितता और आपूर्ति जोखिमों का भी माहौल था। ऐसे में कच्चे तेल के बेंचमार्क तीन महीने में सबसे भारी साप्ताहिक नुकसान की ओर बढ़ रहे थे।
जुलाई के लिए ब्रेंट क्रूड वायदा 14 सेंट बढ़कर 83.82 डॉलर प्रति बैरल हो गया। वहीं जून के लिए US वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 16 सेंट या 0.2 फीसदी बढ़कर 79.11 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इसके बाद भी दोनों बेंचमार्क साप्ताहिक घाटे की राह पर थे क्योंकि निवेशक अमेरिका में लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरों के विकास पर अंकुश लगाने की संभावना से चिंतित थे। इससे पहले दोनों बेंचमार्क गिरावट की ओर जा रहे थे। ब्रेंट 6.3 फीसदी और WTI 5.6 फीसदी साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ गया था।
क्या है OPEC+
OPEC उन देशों का समूह है जो पेट्रोलियम का निर्यात करते हैं। इसमें ईरान, इराक, कुवैत आदि देश शामिल हैं। इनका नेतृत्व रूस की ओर से किया जाता है।
1 जून को होगी बैठक
OPEC+ से जुड़े कुछ सूत्रों ने कहा कि अगर तेल की मांग नहीं बढ़ती है तो समूह अपनी स्वैच्छिक से तेल उत्पादन में प्रतिदिन 2.2 मिलियन बैरल की कटौती को जून से आगे बढ़ा सकता है। हालांकि समूह ने अभी तक 1 जून की बैठक से पहले औपचारिक बातचीत शुरू नहीं की है।
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भारतीय शेयर मार्केट में क्या पड़ेगा असर
पिछले महीने ईरान और इजराइल के युद्ध की स्थिति को देखते ही शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की कई थी। यह गिरावट ऐसे समय दर्ज की गई थी जब युद्ध के कारण तेल की सप्लाई कम हो सकती थी। अब OPEC+ के इस निर्णय के बाद तेल की आपूर्ति जारी रहेगी। ऐसे में कह सकते हैं कि शेयर मार्केट में उछाल आ सकता है।