America, China Tension: डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ का ऐलान किया था, जो कल यानी मंगलवार से अमल में आ जाएगा। ट्रंप के इस कदम पर चीन की क्या प्रतिक्रिया होती है, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। माना जा रहा है कि चीन की शी जिनपिंग सरकार भी टैरिफ का बदला टैरिफ से लेगी, जैसा कि उसने पहले किया था। यदि ऐसा होता है तो दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा और ट्रेड वॉर में तेजी आएगी। अमेरिका और चीन दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। ऐसे में उनके बीच की टेंशन का कुछ न कुछ असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है।
उपायों पर विचार
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन मंगलवार से लागू होने वाले नए अमेरिकी आयात शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह चीन से आने वाले सामान पर अतिरिक्त 10% शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इस तरह, कुल टैरिफ 20% हो जाएगा। ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजिंग अपने उत्पादों पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाने की अमेरिकी धमकी के जवाब में प्रासंगिक उपायों का अध्ययन कर रहा है।
सुलह की संभावना कम
विश्लेषकों का कहना है कि दोनों देश बातचीत से इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं, लेकिन किसी भी व्यापार वार्ता के कोई संकेत नहीं मिलने से दोनों आर्थिक दिग्गजों के बीच सुलह की संभावना फीकी पड़ रही है। वैसे, यह पहली बार नहीं है जब वॉशिंगटन और बीजिंग ट्रेड वॉर में उलझे हैं। 2016 में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इसी तरह के कदम उठाए थे और चीनी वस्तुओं पर टैरिफ लगाया था। बीजिंग ने भी इसका जवाब दिया था।
मिलाजुला रहेगा असर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर बढ़ने का लाभ भारत को हो सकता है। 2016 के पिछले ट्रेड वॉर के परिणामस्वरूप हुए ट्रेड डायवर्सन का भारत चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी था। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि इस स्थिति से भारत के कुछ क्षेत्रों को फायदा मिल सकता है, जबकि अन्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। यानी इसका असर भारत पर मिलाजुला होगा।
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ऐसे मिलेगा लाभ
भारत को संभावित लाभ के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि जब अमेरिका और चीन द्वारा एक-दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने से उत्पाद महंगे होंगे, तो उनके विकल्पों की तलाश शुरू होगी और भारत के लिए एक मौका बनेगा। भारत इन बाजारों में अपने उत्पाद उतार सकेगा। उनका यह भी कहना है कि इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए भारत को इन्फ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करना होगा।
मार्केट पर होगा असर
ट्रंप की टैरिफ नीतियों से भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर बढ़ने से मार्केट के और प्रभावित होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पिछले पांच महीनों से बाजार दबाव में बना हुआ है। फरवरी मार्केट के लिए काफी बुरा गया है। निफ्टी ने इस दौरान गिरावट के मामले में 29 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है।