---विज्ञापन---

10 साल में कर्मचारी घटे, लागत हुई दोगुनी…BCG ने रिपोर्ट जारी कर बैंकों को लेकर जताई बड़ी चिंता

BCG New Report: बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें बताया गया है कि पिछले 10 साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों की संख्या में इजाफा नहीं किया गया है। लेकिन इसके बाद भी एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 7, 2024 23:33
Share :
Bank

BCG New Report 2024: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लेकर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) ने एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट को फिक्की और भारतीय बैंक संघ के सहयोग से तैयार किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है। इसके बाद भी कर्मचारियों की लागत दोगुनी हो गई है। बीसीजी की ओर से कहा गया है कि प्रबंधन पर कर्मचारियों की कमी का असर दिख रहा है। लिपिकों के हजारों पद खाली हैं। जिससे भविष्य में बैंकों की विकास क्षमता पर असर होगा। सरकारी ऋणदाताओं के लिए चुनौतियां पैदा होती जा रही हैं। एक उद्योग रिपोर्ट भी कर्मचारियों की संख्या को लेकर सामने आई है। पिछले एक दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या बेहद सीमित होती जा रही है।

ये भी पढ़ें… 11 लाख में DDA दे रहा फ्लैट! 22 से शुरू हो रही ‘पहले आओ पहले पाओ की स्कीम’

हालांकि निजी सेक्टर के बैंकों का प्रदर्शन ठीक है। इन बैंकों ने लागत में बढ़ोतरी को मुद्रास्फीति से नीचे बनाए रखने के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले 10 साल की बात की जाए तो इन बैंकों में सालाना आधार पर 10 फीसदी कर्मियों की संख्या में इजाफा किया गया है। जबकि इनकी कर्मचारी लागत सिर्फ 3.8 फीसदी रही है।

भविष्य में बैंकों की भूमिका अहम रहेगी

रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को ऑफ रोल रखा जा रहा है। पिछले एक दशक में डिजिटल क्रांति और प्रौद्योगिकी निवेश में तेजी आई है, लेकिन इसके बाद भी बैंकिंग सेक्टर में लागत और आय अनुपात में इजाफा हुआ है। उत्पादकता से लाभ कितना होगा? यह देखने वाली बात होगी। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य है।

माना जा रहा है कि इस दौरान देश 30 ट्रिलियन डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद हासिल कर लेगा। इसके लिए वित्तीय सेवा क्षेत्र में 20 गुना बढ़ोतरी करने की जरूरत होगी। जिसमें बैंकों की भूमिका अहम होगी। भारत बैंक प्रधान अर्थव्यवस्था है। संसाधनों को विकसित करने के लिए उस दौरान 4 ट्रिलियन डॉलर पूंजी के आधार की जरूरत होगी। जिसमें एक तिहाई पूंजी को नए सिरे से निवेश करना होगा।

यह भी पढ़ें : Gautam Adani On Role Model: जिंदगी में रोल मॉडल का होना कितना जरूरी? जानें गौतम अडानी से

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 07, 2024 11:17 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें