Beneficiary Account Use and Benefits: इसमें कोई दो राय नहीं है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के आने से लेनदेन करने की प्रक्रिया काफी आसान हो चुकी है। किसी को पैसे ट्रांसफर करने हो या फिर किसी से बैंक में पैसे मंगवाने हो, ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा के जरिए ये काम काफी आसान हो जाता है। लेनदेन के लिए पेटीएम, गूगल पे, फोन पे जैसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म इस काम और भी सरल बना देते हैं, लेकिन समस्या तब आती है जब किसी को 5 लाख रुपये तक भेजने हो और उसके लिए पहले लाभार्थी के बैंक खाते, फोन नंबर आदि को रजिस्टर्ड करना पड़ता है।
वहीं, अब इस समस्या का हल नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया IMPS की ओर से कर दिया गया है। IMPS की ओर से सर्विस को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए बेनिफिशियरी को बिना अकाउंट को लिंक किए 5 लाख रुपये तक भेजने की सुविधा दी जा रही है।
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बिना अकाउंट लिंक किए नहीं सेंड होते थे पैसे
मौजूदा सुविधा में IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी का नाम, बैंक खाता नंबर और IFSC कोड एंटर करके रजिस्ट्रेशन करना होगा। हालांकि, ये सुविधा जल्दी ही आने के लिए तैयार है जिसके बाद बिना लाभार्थी का मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट रजिस्टर्ड किए आप 5 लाख रुपये तक की पेमेंट कर सकेंगे।
वेरिफिकेशन करना होगा जरूरी
IMPS की ओर से जल्दी ही नई सर्विस को शुरू किया जाएगा, जिसमें बेनिफिशियरी का वेरिफिकेशन किया जाएगा। ऐसे में पैसे ट्रांसफर करने वाला ये देख सकेगा कि वो जिसे पैसे भेज रहे हैं उसका बैंक खाता नंबर सही है या फिर नहीं। नए फीचर के जरिए बैंक डिटेल्स में दर्ज नाम को चेक करने में मदद मिलेगी। नए नियम के आने के बाद आपको बेनिफिशियरी को अकाउंट नंबर से रजिस्टर नहीं करना पड़ेगा।
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मौजूदा सुविधा में दो तरीके से भेजे जाते हैं पैसे
- अभी आप दो तरीके से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें पहला तरीका ये है कि आपको बैंक खाता नंबर, बैंक अकाउंट होल्डर का नंबर, बैंक का IFSC कोड का यूज करके लाभार्थी के खाते को अपने बैंक खाते से लिंक करना होता है, जिसके बाद पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं।
- दूसरे तरीके में बेनिफिशियरी का मोबाइल नंबर और मोबाइल मनी आइडेंटिफायर (एमएमआईडी) का इस्तेमाल करके पैसे भेजे जा सकते हैं। एमएमआईडी, 7 अंकों की एक संख्या है जिसे बैंक द्वारा ग्राहकों को पेश किया जाता है।