India Russia Oil Buying: एक अमेरिकी अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका मानता है कि भारत जितना चाहे उतना रूसी तेल खरीद सकता है, लेकिन उसको पश्चिमी इंश्योरेंस, वित्त और समुद्री सर्विसिज का ध्यान रखना होगा।
रूस के राजस्व पर अंकुश लगाते हुए कैप अभी भी वैश्विक तेल की कीमतों को कम करेगी। यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने अमेरिका और भारत के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही।
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उन्होंने कहा कि रूस उतना तेल नहीं बेच पाएगा, जितना अब यूरोपीय संघ द्वारा आयात बंद कर दिया गया है, वो भी बिना कैप्ड कीमत या मौजूदा कीमतों से महत्वपूर्ण छूट का सहारा लिए हुए।
कैप के अस्तित्व से भारत, चीन और रूसी कच्चे तेल के अन्य प्रमुख खरीदारों को मॉस्को को भुगतान की जाने वाली कीमत को कम करने में मदद मिलेगी। चीन के अलावा भारत रूस का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है।
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भारत को बेहतर सौदा मिल गया
येलेन ने रॉयटर्स से कहा, ‘रूसी तेल सस्ते दामों पर बिक रहा है और हम खुश हैं कि भारत को बेहतर सौदा मिल गया है।’
येलेन ने कहा कि भारत और निजी भारतीय तेल कंपनियां किसी भी कीमत पर तेल खरीद सकती हैं, जब तक वे इन पश्चिमी सेवाओं का उपयोग नहीं करते हैं और वे अन्य सेवाएं ढूंढते हैं। और दोनों में से कोई भी तरीका ठीक है। उनकी यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान के एक हफ्ते बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा क्योंकि इससे भारत को फायदा होता है।
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