अडाणी पावर लिमिटेड (APL) ने 4,000 करोड़ रुपये में विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड का अधिग्रहण और समाधान योजना को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह अधिग्रहण मंगलवार, 7 जुलाई 2025 को पूरी तरह लागू कर दिया गया।
विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड नागपुर जिले के बुटीबोरी में स्थित 600 मेगावाट (2×300 मेगावाट) की घरेलू कोयला आधारित बिजली परियोजना है, जो पहले दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही थी। 18 जून 2025 को एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल), मुंबई बेंच ने अडानी पावर की समाधान योजना को मंजूरी दी थी, जिसके बाद यह अधिग्रहण संभव हो सका।
इस अधिग्रहण के बाद अब अडानी पावर की कुल परिचालन क्षमता 18,150 मेगावाट हो गई है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक इसे 30,670 मेगावाट तक पहुंचाने का है।
अडाणी पावर का रणनीतिक कदम –
अडाणी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “VIPL का अधिग्रहण तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के बदलाव के माध्यम से मूल्य अनलॉक करने की अडाणी पावर की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जैसा कि हम अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करना जारी रखते हैं, हम विश्वसनीय, सस्ती बेस-लोड बिजली प्रदान करके भारत के ‘सभी के लिए बिजली’ के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो देश के सतत विकास को बढ़ावा देती है।”
अडाणी पावर अब विभिन्न राज्यों में अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल और सुपरक्रिटिकल पावर प्लांट्स पर काम कर रहा है। इनमें मध्य प्रदेश के सिंगरौली-महान, छत्तीसगढ़ के रायपुर, रायगढ़ और कोरबा, राजस्थान के कवाई, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और झारखंड का कोरबा शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद कंपनी 2030 तक 30,670 मेगावाट की परिचालन क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी निजी बेस-लोड बिजली उत्पादक कंपनी बन जाएगी।
अडाणी पावर के बारे में
अडाणी पावर लिमिटेड, अडाणी ग्रुप का हिस्सा है और यह भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर जनरेशन कंपनी है। कंपनी गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में थर्मल पावर प्लांट संचालित करती है। इसकी कुल स्थापित क्षमता अब 18,150 मेगावाट हो गई है। इसके अलावा गुजरात में 40 मेगावाट का एक सौर ऊर्जा संयंत्र भी संचालित है।