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भूटान में बनेगा 570 मेगावॉट का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, अडाणी पावर और DGPC ने मिलाया हाथ

Adani Power और DGPC ने भूटान में 570MW वांगचू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया है। यह प्रोजेक्ट 2026 से शुरू होकर 5 साल में पूरा होगा और भूटान की ऊर्जा सुरक्षा के साथ भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करेगा।

Author Written By: Mikita Acharya Author Edited By : Mikita Acharya Updated: Sep 6, 2025 11:16
adani

अडाणी पावर, जो भारत की सबसे बड़ी निजी पावर प्रोड्यूसर कंपनी है, और भूटान की सरकारी कंपनी Druk Green Power Corporation (DGPC) ने मिलकर 570 मेगावॉट वाले वांगचू (Wangchhu) हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) और कंसेशन एग्रीमेंट (CA) पर भी इन-प्रिंसिपल साइनिंग हुई।

समझौते के समय भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी मौजूद रहे। इस मौके पर प्रोजेक्ट को BOOT मॉडल यानी Build, Own, Operate, Transfer पर बनाने की घोषणा की गई। इसका मतलब है कि कंपनी इसे बनाएगी, चलाएगी और कुछ समय बाद भूटान सरकार को सौंप देगी।

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6 हजार करोड़ का होगा निवेश

वांगचू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में करीब 60 अरब रुपये (6,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की डिटेल्ड रिपोर्ट पहले ही तैयार हो चुकी है। निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही में शुरू करने की योजना है और इसे अगले 5 सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सर्दियों में मदद करेगा, गर्मियों में भारत को बिजली

अडाणी पावर के सीईओ एस.बी. ख्यालिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भूटान की सर्दियों में होने वाली बिजली की कमी को पूरा करेगा। वहीं गर्मियों में, जब पानी की उपलब्धता ज्यादा रहती है, तो एक्स्ट्रा बिजली भारत को एक्सपोर्ट की जाएगी।

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भारत-भूटान की पुरानी साझेदारी

DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दशो छेवांग रिन्जिन ने कहा कि भारत और भूटान 1960 के दशक से हाइड्रोपावर के क्षेत्र में साझेदारी कर रहे हैं। इस सहयोग से दोनों देशों को फायदा हुआ है और यही दोनों के मजबूत रिश्तों की नींव है। उन्होंने बताया कि भूटान का लक्ष्य है कि वह 2040 तक 15,000 मेगावॉट हाइड्रो पावर और 5,000 मेगावॉट सोलर पावर क्षमता विकसित करे।

क्यों अहम है यह प्रोजेक्ट

DGPC का कहना है कि अडाणी ग्रुप की वित्तीय और तकनीकी क्षमता के चलते यह प्रोजेक्ट जल्दी और सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा। इसके बाद न केवल भूटान की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि भारत और भूटान के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी भी और बेहतर हो जाएगी।

आगे की प्लानिंग

यह वांगचू प्रोजेक्ट दरअसल मई 2025 में हुए एक MoU का हिस्सा है, जिसमें अडाणी ग्रुप और DGPC ने मिलकर 5,000 मेगावॉट हाइड्रो पावर क्षमता विकसित करने का समझौता किया था। दोनों कंपनियां आने वाले समय में और भी प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करेंगी।

कंपनियों की जानकारी

  • Adani Power: यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर प्रोड्यूसर है, जिसकी कुल क्षमता करीब 18,110 मेगावॉट है। यह गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में पावर प्लांट चलाती है।
  • DGPC: यह भूटान की सरकारी पावर जनरेशन कंपनी है, जिसकी मौजूदा क्षमता 2,500 मेगावॉट से ज्यादा है। भूटान सरकार की योजना है कि 2040 तक यह क्षमता बढ़ाकर 25,000 मेगावॉट कर दी जाए।

First published on: Sep 06, 2025 11:16 AM

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