भारत की सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने कोलंबो बंदरगाह पर स्थित कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) का ऑपरेशन शुरू कर दिया है। एक ऐतिहासिक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित CWIT का संचालन APSEZ, श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के एक संघ द्वारा किया जा रहा है, जो 35 साल के बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (BOT) समझौते के तहत काम करता है।
क्यों खास है प्रोजेक्ट?
CWIT परियोजना में 800 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश है और इसमें 1,400 मीटर की लंबाई और 20 मीटर की गहराई है, जिससे टर्मिनल सालाना लगभग 3.2 मिलियन ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स (TEU) को संभालने में सक्षम है। यह कोलंबो का पहला पूरी तरह से ऑटोमेटेड डीप-वॉटर टर्मिनल है। इसे कार्गो हैंडलिंग क्षमताओं को बढ़ाने, पोत के टर्नअराउंड समय में सुधार करने और दक्षिण एशिया में एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में बंदरगाह की स्थिति को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) का निर्माण 2022 की शुरुआत में शुरू हुआ और तब से इसने तेजी से प्रगति की है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना लगभग पूरी होने वाली है, सीडब्ल्यूआईटी क्षेत्रीय समुद्री रसद में परिचालन दक्षता और विश्वसनीयता में नए मानक स्थापित करने के लिए अब तैयार है।
अडाणी ने कही ये बात
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि CWIT में परिचालन की शुरुआत भारत और श्रीलंका के बीच क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह टर्मिनल न केवल हिंद महासागर में व्यापार के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि इसका उद्घाटन श्रीलंका के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण है, जो इसे वैश्विक समुद्री मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि CWIT प्रोजेक्ट स्थानीय स्तर पर हजारों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करेगा और द्वीप राष्ट्र के लिए अपार आर्थिक रास्ते खोलेगा। अडाणी ने आगे कहा कि यह दोनों पड़ोसियों के बीच गहरी दोस्ती और बढ़ते रणनीतिक संबंधों का एक शानदार उदाहरण है, और बताता है कि दूरदर्शी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है। रिकॉर्ड समय में इस विश्व स्तरीय सुविधा को विकसित करना अडाणी समूह की दुनिया में कहीं भी बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने की सिद्ध क्षमता को भी दर्शाता है।
हमारे लिए गर्व का पल
जॉन कील्स ग्रुप के चेयरपर्सन कृष्ण बालेंद्र ने कहा कि हमें वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के विकास में प्रगति देखकर गर्व महसूस हो रहा है। यह एक ऐसी परियोजना है, जो श्रीलंका की क्षेत्रीय समुद्री केंद्र के रूप में स्थिति को मजबूत करती है। यह परियोजना जॉन कील्स समूह के सबसे बड़े निवेशों में से एक है और श्रीलंका में निजी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण निवेशों में शामिल है। श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और अडाणी समूह के साथ मिलकर हम कोलंबो की स्थिति को एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में उठाएंगे। हमें विश्वास है कि यह परियोजना क्षेत्र में वैश्विक व्यापार और संपर्क को बढ़ाएगी।