8th Pay Commission Government Salary Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा, जिसके बाद 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाएगा। इस खबर के बाद सबसे ज्यादा चर्चा का विषय यह है कि कर्मचारियों के वेतन में कितना बड़ा बदलाव आएगा। वेतन संशोधन में सबसे जरूरी भूमिका फिटमेंट फैक्टर की होगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक ( Coefficient) है, जिससे वेतन और पेंशन में संशोधन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 रखा था, जिससे न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 17,990 रुपये हो गया था। अब 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर कितना होगा, यह 2026 में आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय होगा।
क्या हर साल बदल सकता है वेतन?
7वें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में सबसे कम बढ़ोतरी हुई थी। दरअसल, ये बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर की गई थी, जिसे 2.57 रखा गया और इससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये हुआ। अगर 8वें वेतन आयोग में इसे 2.86 रखा जा सकता है, ऐसे में कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तक हो सकता है।
कर्मचारियों के वेतन में कब-कब हुई बढ़ोतरी?
- 4th Pay Commission में कर्मचारियों के वेतन में 27.6% की बढ़ोतरी हुई थी और न्यूनतम वेतन 750 रुपये तय किया गया था।
- 5th Pay Commission की बात करें तो इसमें वेतन में 31% की वृद्धि हुई, जिससे न्यूनतम वेतन 2,550 रुपये हो गया।
- 6th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया, जिससे वेतन में 54% की बढ़ोतरी हुई। इससे वेतन 7,000 रुपये हुआ।
- 7th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया, लेकिन वेतन में केवल 14.29% की वृद्धि हुई। इससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये हुआ।
8वें वेतन आयोग में कितनी वृद्धि की उम्मीद?
8वें वेतन आयोग में, अगर सरकार पुराने स्केल को आधार मानती है, तो फिटमेंट फैक्टर को 2.86 रखा जा सकता है। इसके आधार पर कर्मचारियों के वेतन में 44.44% की वृद्धि हो सकती है। इस हिसाब से बेसिक सैलरी 26,000 रुपये होने की उम्मीद है।
केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस आयोग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सभी की नजरें सरकार पर हैं, ताकि एक न्यायसंगत संशोधन किया जा सके। 2026 में इसके गठन और सिफारिशों के बाद यह लागू होने की संभावना है।