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500 Rupees Note Demonetization: 500, 1000, 2000 रुपये के नोटों पर वित्त मंत्रालय ने दिया बड़ा अपडेट

500 Rupees Note Demonetization: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट बदलने की समय सीमा 30 सितंबर, 2023 से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस सवाल का जवाब दिया कि क्या बैंकों में 2000 रुपये बदलने की […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Jul 25, 2023 14:29
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500 Rupees Note Demonetization: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट बदलने की समय सीमा 30 सितंबर, 2023 से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस सवाल का जवाब दिया कि क्या बैंकों में 2000 रुपये बदलने की समय सीमा 30 सितंबर से आगे बढ़ाने का प्रस्ताव है?

वहीं, चौधरी ने एक अन्य सवाल का भी जवाब दिया कि क्या सरकार काले धन को खत्म करने के लिए अन्य उच्च मूल्यवर्ग के मुद्रा नोटों को बंद करने की योजना बना रही है? वित्त मंत्रालय की ओर से लोकसभा में करेंसी को लेकर बड़ी बात कही गई है। क्या सरकार जल्द ही 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर सकती है? मंत्री ने कहा, ‘फिलहाल यह मामला विचाराधीन नहीं है।’

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500 के नोट पर दिया ये जवाब

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘मौजूदा समय में 500 रुपये का नोट सबसे बड़ी करेंसी है।’ वित्त मंत्रालय की ओर से इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि फिलहाल सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। अगर भविष्य में इस संबंध में कोई प्लानिंग की जाएगी तो फिर आपको इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।

2000 के नोट को वापस लेने का फैसला

रिजर्व बैंक ने 19 मई को एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की, लेकिन जनता को ऐसे नोटों को या तो खातों में जमा करने या बैंकों में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया।

RBI के अनुसार, प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों में से 76 प्रतिशत या तो बैंकों में जमा कर दिए गए हैं या बदल दिए गए हैं।

मूल्य के संदर्भ में, प्रचलन में 2,000 रुपये के नोट 19 मई को वापसी की घोषणा के दिन 3.56 लाख करोड़ रुपये से घटकर 30 जून तक केवल 84,000 करोड़ रुपये बचे थे।

RBI ने कहा कि लौटाए गए नोटों में से 87 प्रतिशत जनता द्वारा बैंक खातों में जमा किए गए हैं, जबकि शेष 13 प्रतिशत अन्य मूल्यवर्ग में बदले गए हैं।

मंत्री ने आगे कहा कि आरबीआई के अनुसार, निकासी एक मुद्रा प्रबंधन ऑपरेशन था जिसे जनता को किसी भी असुविधा या अर्थव्यवस्था में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए योजनाबद्ध किया गया था। बता दें कि साल 2016 में मोदी सरकार ने पहला बड़ा फैसला नोटबंदी का लिया था। इसके बाद ही 2000 हजार और 500 के नए नोट पेश किए गए थे, जहां 2000 के नोट अब दोबारा वापस ले लिए गए हैं।

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Written By

Nitin Arora

First published on: Jul 25, 2023 11:44 AM

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