CNG refilling: भारत में CNG कारों की डिमांड हमेशा से ही रही है। इसलिए लगातर नए-नए मॉडल लॉन्च हो रहे हैं। अक्सर देखने में आता है कि जब भी कार में CNG भरवाने (CNG Refilling) के लिए जाते हैं तो कार से सभी को उतरने के लिए कहा जाता है। आप लोग भी बिना कुछ सवाल किये उतर जाते हैं। क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया कि ऐसा क्यों बोला जाता है। जबकि पेट्रोल-डीजल कारों के साथ ऐसी कोई बात नहीं होती। हमने इस बारे में कुछ कार एक्सपर्ट से बात की…आइये जानते हैं इसके पीछे क्या है वजह..
प्रेशर से भरी जाती है CNG
ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि गाड़ी में CNG भरते समय प्रेशर (Pressure) काफी तेज होता है और ऐसे में अगर कार में पहले से ही अधिक भार (वजन) होगा तो CNG भरवाने समय यह प्रेशर ठीक से मेंटेन नहीं हो पायेगा जिसकी वजह से CNG ठीक से सिलेंडर में नहीं जा पाएगी। इसलिए जब CNG भरवाने जाएं तो इंजन बंद करके गाड़ी से बाहर निकल जा जायें। इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान दें कि नोजल पॉइंट पर भी ध्यान दें। एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि जिन कारों में जरूरत से ज्यादा सामान रखा होता है उनके साथ ही यह समस्या हो सकती है।
हादसे का डर
CNG कारों में लगे सिलेंडर कई बार लीक होते हैं जिनका पता हमें जल्दी से नहीं लग पाता और जब CNG भरी जाती है तो प्रेशर के कारण ब्लास्ट होने या फटने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए कार से उतने के लिए कहा जाता है ताकि कोई हादसा न हो।
CNG की महक
काफी लोग ऐसे हैं जिन्हें CNG गैंस से दिक्कत होती है, जिसकी वजह से सिर दर्द, उल्टी और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसलिए CNG रिफिलिंग स्टेशन पर गाड़ी से बाहर निकलना ही बेहतर होता है। आपको बता दें कि जब कार में CNG डलती है तो इसकी महक केबिन में सबसे तेजी से आती है।
ठगी से बचने के लिए
पेट्रोल पंप की तुलना में CNG पंप का मीटर थोड़ा अलग होता है। ऐसे में अक्सर लोगों को CNG भरवाते समय चपत लगती है। मीटर सही से चल रहा है या नहीं यही चेक करने कार से बाहर निकलना जरूरी है।
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