Electric car meets accident: देश में इलेक्ट्रिक कारों (EVs) की डिमांड अब भारत में तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अभी भी पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में अलग तरह की सेफ्टी चुनौतियां हैं, खासकर बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का बहुत ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर आप भी इलेक्ट्रिक कार ड्राइव करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। यहां हम आपको बात रहे हैं कि अगर EV किसी दुर्घटना (Accident) का शिकार हो जाए, तो यहां हम आपको सेफ्टी से जुड़ी कुछ जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं कदम उठाने चाहिए।
एक्सीडेंट के तुरंत बाद क्या करें?
यदि संभव हो तो कार से बाहर निकलें और सुरक्षित स्थान पर जाएं। कार के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बंद करें इमरजेंसी सर्विसेज (108, 112) को कॉल करें। इसके अलावा अगर कोई घायल है या कार से धुआं निकल रहा है, तो तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दें।
यदि EV बैटरी से धुआं, चिंगारी या जलने की गंध आ रही है, तो कार से कम से कम 15-20 मीटर दूर चले जाएं। एक्सीडेंट के दौरान EV के चार्जिंग पोर्ट में शॉर्ट सर्किट का खतरा हो सकता है, इसलिए चार्जिंग पोर्ट को न छूएं। आपको बता दें कि नई इलेक्ट्रिक कारों में ऑटोमेटिक पावर कट सिस्टम होता है, जिससे एक्सीडेंट के तुरंत बाद बैटरी डिसकनेक्ट हो जाती है। जिसकी वजह से करंट लगने की संभावना ना के बराबर रहती है लेकिन अगर कोई बैटरी पैक डैमेज हो गया है, तो EV को न छुएं।
अगर इलेक्ट्रिक कार में आग लग जाए, तब क्या करें
EVs में बैटरी फेलियर या शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगने की संभावना होती है। ऐसे में अगर आपको जलने की गंध, चिंगारी या धुआं दिखे, तो बिना देर किए बाहर निकलें। बैटरी फटने या ब्लास्ट होने का खतरा हो सकता है, इसलिए कम से कम 20-30 मीटर की दूरी रखें। EV बैटरी आग बुझाने के लिए पानी कारगर नहीं होता। केवल फायर ब्रिगेड को कॉल करें और विशेष EV अग्निशामक से ही आग बुझाने दें। EV में आग लगने की घटनाएँ बहुत दुर्लभ होती हैं, लेकिन यदि बैटरी को कोई गहरी क्षति हो तो थर्मल रनअवे (Battery Overheating) के कारण आग लग सकती है। आधुनिक EVs में बैटरी सेफ्टी सिस्टम इस जोखिम को कम करते हैं।
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