Correct Tyre Pressure Car: गाड़ी का माइलेज, हैंडलिंग और सुरक्षा काफी हद तक टायर प्रेशर पर निर्भर करता है. अगर दबाव सही रखा जाए तो इंजन पर कम लोड पड़ता है और ईंधन की बचत होती है. आमतौर पर कार में 30 से 35 PSI प्रेशर सही माना जाता है, लेकिन हर कार का अपना स्टैंडर्ड होता है. यह जानकारी आपको ड्राइवर साइड डोर के फ्रेम पर लगे स्टिकर या कार के मैनुअल में मिल जाएगी.
सही टायर प्रेशर के फायदे
- बेहतर माइलेज: टायर का घर्षण कम होता है, जिससे गाड़ी स्मूद चलती है और पेट्रोल-डीजल की खपत घटती है.
- सुरक्षित हैंडलिंग: सही प्रेशर से गाड़ी रोड पर ज्यादा बैलेंस्ड और कंट्रोल में रहती है.
- लंबी उम्र: टायर जल्दी खराब नहीं होते और लंबे समय तक अच्छे चलते हैं.
टायर प्रेशर चेक करने का तरीका
- ठंडे टायर में चेक करें: हमेशा कार कुछ घंटे खड़ी रहने के बाद टायर प्रेशर देखें, ताकि सही रीडिंग मिले.
- कार का स्टिकर देखें: ड्राइवर साइड डोर के अंदर अनुशंसित प्रेशर लिखा होता है.
- मैनुअल का सहारा लें: अगर स्टिकर न मिले तो कार का मैनुअल देखें.
गलत प्रेशर से होने वाले नुकसान
- कम प्रेशर: टायर जल्दी घिस जाता है, माइलेज घटता है, गाड़ी की ग्रिप और ब्रेकिंग दोनों खराब हो जाते हैं.
- ज्यादा प्रेशर: टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है, कार उछलने लगती है और टायर बीच से जल्दी घिस जाता है.
इसलिए, हर कार मालिक को चाहिए कि समय-समय पर टायर प्रेशर चेक करें. यह एक छोटी-सी आदत आपकी गाड़ी की परफॉर्मेंस और आपकी जेब दोनों के लिए फायदेमंद है.