Watch Video: सड़क चलते आपने महिलाओं को अकसर ड्राइवर के साथ बैठे हुए डैश बोर्ड पर पैर रखे देखा होगा। आराम के लिए लोग ऐसा करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है?, ऐसा करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, कई गाड़ियों के फ्रंट केबिन में डुअल एयरबैग होते हैं।
वीडियो देख सिहर उठेंगे आप
जानकारी के अनुसार एक एयरबैग डैशबोर्ड और दूसरे स्टीयरिंग में होता है। सड़क हादसे के दौरान या फिर अचानक झटका लगने पर धक्के से एयरबैग खुल जाता है। जब डैशबोर्ड का यह एयरबैग खुलता है तो उसके प्रेशर काफी तेज होता है। इस स्थिति में अगर हम डैशबोर्ड पर पैर रखकर सफर करते हैं तो हमारे पैरों की हड्डियों में गंभीर चोट लगने का खतरा बना रहता है।
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चोटिल होने का खतरा अधिक
इंटरनेट पर वायरल वीडियो में डैशबोर्ड पर पैर रखकर सफर करने के दौरान हादसे के बाद कूल्हे और पैर की हड्डियों में कई फैक्चर हुए। कार एक्सपर्ट कहते हैं कि डैशबोर्ड पर पैर रखकर सफर करना सही नहीं है। सड़क हादसे के दौरान इस पोजिशन में चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। हमें कार के फ्रंट केबिन में हमेशा सीट बेल्ट पहनकर सफर करना चाहिए। अगली सीट पर बैठकर कभी सोना नहीं चाहिए। इससे चालक को भी आलस आता है। सोने की सूरत में हमें हादसे के दौरान बचने का अवसर भी नहीं मिलता।
क्या होता है एयरबैग?
कार के एयरबैग कॉटन से बने हुए होते हैं। यह थैलानुमा शेप में होते हैं। सड़क हादसे की सिचुएशन में यह राइडर को बचाने में मदद करते हैं। यह हादसा या जोरदार झटका लगने पर खुद ब खुद खुल जाते हैं। कार में फ्रंट और रियर दोनों जगहों पर यात्रियों की सेफ़्टी के लिए एयरबैग होते हैं। कई गाड़ियों में से छह एयरबैग तक दिए जाते हैं।
कैसे काम करता है एयरबैग?
दरअसल, कार में एयरबैग के साथ एक सेंसर भी होता है। हादसा होने पर माइक्रो सेकंड में यह सेंसर चालू हो जाते हैं। इसके बाद कार का इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाता। यह इंफ्लेटर नाइट्रोजन गैस बनाता है। यह गैस एयरबैग में भरने लगती है। एयरबैग की नियमित सर्विस होती है। वरना इनके खराब होने का खतरा बना रहता है।