Maruti Suzuki WagonR: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के पोर्टफोलियो में छोटी कारों से लेकर प्रीमियम मॉडल की भरमार है। भारत में सबसे ज्यादा कारें मारुति की ही बिकती हैं। छोटी कारों की बिक्री में कंपनी आज भी सबसे आगे है। बात वैगन-आर की करें तो हर महीने इस कार की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। लेकिन ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में यह कार बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई है। इसे एडल्ट सेफ्टी में एक स्टार रेटिंग मिली है जबकि चाइल्ड सेफ्टी में जीरो स्टार रेटिंग मिली है। पिछले महीने 17,850 यूनिट्स की बिक्री के साथ यह देश की दूसरी और कंपनी की पहली सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बनी है। आखिर क्यों वैगन-आर इतनी बिकती है ? जानें 5 बड़े कारण…
ज्यादा स्पेस
मारुति वैगन-आर में सबसे ज्यादा स्पेस मिलता है। 5 लोग इसमें आसानी से बैठ सकते हैं। लेगरूम और हेडरूम के लिए जगह की कोई दिक्कत नहीं है। कार में 341 लीटर का बूट स्पेस मिल जाता है, जहां आप काफी सामान रख सकते हैं।
किफायती इंजन
वैगन-आर में दो इंजन का ऑप्शन मिलता है जिसमें 1.0L और 1.2L लीटर पेट्रोल इंजन शामिल है। इसके अलावा इसमें CNG का भी ऑप्शन मिलता है। यह पेट्रोल मोड पर 25.19 km/l की माइलेज और CNG मोड पर 33.47 km/kg की माइलेज देती है।
सबसे बड़ा सर्विस नेटवर्क
ग्राहक वैगन-आर इसलिए भी खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि दूसरे ब्रांड्स की तुलना में मारुति का सर्विस नेटवर्क देश में सबसे बड़ा है। और भी हाल ही में कंपनी ने अपना 5,000 वां सर्विस टचप्वाइंट खोला है। दूसरी बात स्पेयर्स पार्ट्स आसानी से मिल जाते हैं।
चलाने में आसान
वैगन-आर को ड्राइव करना काफी इजी है। आप इसे सिटी में आसानी से निकाल लेते हैं। हाईवे पर ही 80-100kmph की स्पीड तक यह बेहतर प्रदर्शन करती है।
भरोसा
मारुति ने पहली बार वैगन-आर को साल 1999 में लॉन्च किया था और आज तक इसे भारत में खूब पसंद किया जा रहा है। इसके 30 लाख से ज्यादा ग्राहक हैं। लोगों का अटूट भरोसा है इस कार पर और यह एक बड़ो वजह है इसे खरीदने की ।
मारुति सुजुकी वैगन-आर में खामियां
वैगन-आर में जितनी खूबियां हें उतनी ही कमियां भी हैं। डिजाइन के मामले यह उतनी इम्प्रेस नहीं करती है। इसका Boxy डिजाइन कमजोर नज़र आता है। इसमें बॉडी रोल बहुत है। साथ ही हाई स्पीड में ड्राइव करते समय आपका Confidence कम होता है। कार की क्वालिटी एक दम हल्की है। मारुति की ज्यादातर कारों में यही समस्या है। यही कारण ही कि ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में सबसे ख़राब प्रदर्शन मारुति की कारों का ही होता है।
भले भी आपको ज्यादा माइलेज मिल जाए लेकिन एक्सीडेंट होने पर आप इस कार में सुरक्षित नहीं है। सेफ्टी के नाम पर जीरो हैं मारुति की कारें। इसलिए एक नई कार खरीदने से पहले सेफ्टी फीचर्स और रेंटिंग जरूर चेक करें।
यह भी पढ़ें: Best Selling 125cc Bikes: ग्राहकों की पहली पसंद बजाज पल्सर नहीं, इस बाइक की हुई ताबड़तोड़ बिक्री