Hybrid cars in India: बाजार में इन दिनों हाइब्रिड गाड़ियां डिमांड में हैं। बढ़ते पेट्रोल के दामों के चलते यह कारें रनिंग कॉस्ट कम करने और माइलेज बढ़ाने में मददगार हैं। दरअसल, हाइब्रिड इंजन की यह गाड़ियां पेट्रोल के साथ इलेक्ट्रिक मोटर से जुड़ी बैटरी पर चलती हैं। यह केवल पेट्रोल इंजन में आती है, सीएनजी और डीजल इंजन पर हाइब्रिड का ऑप्शन नहीं है।
पहले यह जानें की तीन तरह की हाइब्रिड गाड़ियां होती हैं, पहली माइल्ड हाइब्रिड, फुल या स्ट्रांग हाइब्रिड और तीसरी प्लग इन हाइब्रिड। प्लग इन को छोड़कर दोनों तरह की हाइब्रिड गाड़ियां इंडिया में मिलती हैं। दरअसल, हाइब्रिड इंजन में लगी बैटरी इंजन के ऑन होने पर खुद ब खुद चार्ज होने लगती है। यह बैटरी कार की कीमत और इंजन पावर के अनुसार अलग-अलग कैपेसिटी की होती। कार स्टार्ट होने के बाद पेट्रोल पर चलती है, फिर ऑटोमैटिक रूप से कुछ किलोमीटर के लिए इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट हो जाती है।
Mild Hybrid
इन कारों में पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक बैटरी होती है। लेकिन स्ट्रांग हाइब्रिड के मुकाबले इसकी बैटरी की कैपेसिटी थोड़ी कम होती है। इसमें सिंगल बैटरी पैक दिया जाता है। कार की इलेक्ट्रिक मोटर उसे एडिशन पावर देती है। जिससे माइलेज बढ़ता है और रनिंग कॉस्ट कम होती है।
Strong Hybrid
इन हाइब्रिड गाड़ियों में हाई पावर बैटरी कैपेसिटी होती है, जैसे मारुति सुजुकी Grand Vitara में 0.76 kWh की बैटरी दी गई है। यह बैटरी कार की फ्यूल एफिशिएंसी को इंप्रूव करने में मदद करती है।
Plug-in Hybrid
ये ऐसी गाड़ियां होती हैं जिनकी बैटरी को इंजन से अलग कर हम कहीं भी प्लग-इन कर चार्ज कर सकते हैं। फिलहाल इंडिया में इस टेक्नोलॉजी की गाड़ियां उपलब्ध नहीं हैं। इनमें बिजली का खर्च अधिक आता है।
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