Car Insurance for Rain and flood damage: बारिश का सीजन है, ऐसे में अगर आपकी कार बारिश के पानी में डूबकर खराब हो जाती है तो क्या इसका इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा?, बारिश या बाढ़ के पानी से कार को होने वाले नुकसान के लिए हमें कौन सा इंश्योरेंस लेना चाहिए? यह सवाल हर किसी के जहन में होता है। आइए आपको इस बारे में डिटेल जानकारी देते हैं।
इंजन प्रोटेक्टर ऐड-ऑन इंश्योरेंस
जानकारी के अनुसार अमूमन हमारी कार का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता है। जिसमें सड़क दुर्घटना से होने वाली जान-माल की हानि का हर्जना मिलता है। लेकिन यहां जान लें कि बारिश के पानी या बाढ़ आदि के पानी से वाहन को होने वाले नुकसान के लिए हमें इंजन प्रोटेक्टर ऐड-ऑन इंश्योरेंस या कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस लेना होगा।
कार कीमत के अनुसार पेमेंट
किसी भी ऐड-ऑन इंश्योरेंस की किस्त वाहन के मॉडल, कीमत और साइज के हिसाब से होती है। सामान्य इंश्योरेंस से इसकी पेमेंट कुछ ज्यादा होती है। यह पेमेंट कार अनुसार 5 से 50 हजार रुपये तक हो सकती है। बता दें पॉलिसी के हिसाब से भी अपनी पेमेंट चुन सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी कार के नजदीकी डीलरिशप या फिर इंश्योरेंस एजेंट के पास जाना होगा।
पानी होने वाला नुकसान बेसिक पॉलिसी के भीतर नहीं
किसी भी कार के इंजन में पानी होने वाला नुकसान बेसिक पॉलिसी के भीतर नहीं आता है। ऐसे में इंश्योरेंस लेते हुए एजेंट से इस बारे में पूछ लें। अपनी जरूरत अनुसार कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस का विकल्प चुनें। अगर आपने इंजन प्रोटेक्टर ऐड-ऑन इंश्योरेंस लिया है तो बिना किसी झंझट आपको बारिश से होने वाले नुकसान का फुल फ्लेम आसानी से मिल जाएगा। वरना आपको अपनी जेब से ही भुगतान करना होगा।
तूफान, चक्रवात और भूकंप से होने वाले नुकसान पर क्लेम मिलता
थर्ड पार्टी या सामान्य इंश्योरेंस पॉलिसी में पानी के कारण इंजन में आई खराबी का क्लेम नहीं मिलता है। इसलिए प्राकृतिक घटनाओं से बचने के लिए हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस का चुनाव करना चाहिए। इसमें बारिश और बाढ़ के अलावा तूफान, चक्रवात और भूकंप से होने वाले नुकसान पर क्लेम मिलता है।
पानी में डूबी कार का वीडियो बना लें
अगर कभी बारिश या बाढ़ के पानी में कार डूब जाए तो उसे तुरंत स्टार्ट न करें। पहले अपनी गाड़ी के डूबे हुए या पानी में मौजूद रहने का फोटो खींच लें, पानी में डूबी कार का वीडियो बना लें। जिससे की इंश्योरेंस क्लेम का दावा करते हुए जरूरत पड़ने पर अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।