Car Tyre Durability: कार या मोटरसाइकिल के टायर कब बदलने चाहिए? दोपहिया या चार पहिया वाहनों के टायरों की क्या उम्र होती है। वाहनों के टायरों पर लिखे नंबरों से क्या पता चलता है। अकसर इन सब सवालों से हमें कभी न कभी दो चार होना पड़ता है। आइए आपको इस खबर में इस सब के बारे में बताते हैं।
आपके ड्राइविंग पैटर्न का असर
किसी भी वाहन चाहे वह मोटरसाइकिल हो या फिर कार उसके टायर की उम्र राइडर के ड्राइविंग पैटर्न और वाहन डेली कितना किलोमीटर चलता है इस पर डिपेंड करता है। टायर समय से नहीं बदलने पर इसका असर इंजन पर पड़ने लगता है। टायर खराब होने पर पंचर होने, जानलेवा सड़क हादसा होने का खतरा बना रहता है।

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आग भी लग जाती है
खराब टायर होने पर इंजन पर अधिक प्रेशर पड़ता है। सड़क पर टायर के बीच घर्षण अधिक होता है। इससे इंजन के पार्ट्स धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। सड़क पर चलते हुए टायर फटने और उसमें आग लगने का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में टायर जब घिसने लगे। जब टायर बार-बार पंचर होने लगे तो समझ जाएं उसे बदलने का समय हो गया है।

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यह हैं मानक
जानकारी के मुताबिक किसी टायर की औसत ड्यूरेशन 30 हजार से 50 हजार किलोमीटर तक होती है। इसके अलावा नया टायर समतल नहीं होता है उसमें कुछ खांचे बने होते हैं। इन खांचों के बीच की जगह को Tread wear indicator कहते हैं। नए टायर की गहराई 8 mm होती है।
नंबर से यह पता चलता है
टायर की गहराई कम होकर जब 1.6 mm या इससे कम हो जाए तो समझ जाएं की टायर को बदलने में ही समझदारी है। टायर तकरीबन 80 फीसदी तक घिस चुका है। इसके अलावा टायरों पर लिखे नंबर उसकी टाॅप स्पीड, टायर का मॉडल बताती है। जैसे Y लिखा हो तो मतलब है कि कार की टॉप स्पीड 300 kmph की है।
अल्फाबेट टॉप स्पीड
F- 80 kmph
G- 90 kmph
V- 240 kmph
W- 270 kmph
Y- 300 kmph
(Y)- 300+ kmph
L- 120 kmph
M- 130 kmph
N- 140 kmph
P- 150 kmph
J- 100 kmph
K- 110 kmph
T- 190 kmph
U- 200 kmph
H- 210 kmph
Q- 160 kmph
R- 170 kmph
S- 180 kmph