कार चलाते समय अक्सर पीछे से या साइड आती हुई कोई गाड़ी या ऑब्जेक्ट नजर नही आया और कई बार इसे नजरअंदाज करना भी खतरनाक साबित होता है। इसे ब्लाइंड स्पॉट कहा जाता है। ब्लाइंड स्पॉट का नाम आपने सुना ही होगा। सेफ ड्राइव के लिए ब्लाइंड स्पॉट की जानकारी होना जरूरी होता है। यहां हम आपको ब्लाइंड स्पॉट के बारे में कुछ खास जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही ड्राइविंग एक्सपिरियंस को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
ब्लाइंड स्पॉट्स बनते हैं एक्सीडेंट के कारण
ब्लाइंड स्पॉट्स की वजह से ही एक्सीडेंट होते हैं। वैसे कारों में साइड मिरर इसलिए ही लगे होते हैं ताकि ब्लाइंड स्पॉट्स कम से कम हों लेकिन कई बार ब्लाइंड स्पॉट्स साइड मिरर में भी दिखाई नहीं और एक्सीडेंट हो जाते हैं। इसलिए इन्हें अनदेखा ना करें। ड्राइव करते समय जब पीछे से आ रही कोई गाड़ी 2 मीटर से भी कम दूरी पर होती है तो अक्सर साइड मिरर में दिखाई नहीं देती, ऐसे में एकदम से इस गाड़ी का ओवरटेक करने के लिए आगे आना कई बार एक्सीडेंट का कारण भी बन जाता है।
इन तरीकों से करें सेफ ड्राइविंग
ब्लाइंड स्पॉट खतरनाक जरूर हैं, लेकिन उनसे बचने के कई तरीके भी हैं, भले ही आप उन्हें खत्म नहीं कर सकते। ब्लाइंड स्पॉट और इससे होने वाले एक्सीडेंट को रोकने के लिए नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं।
दूरी रखें
ड्राइव करते समय उचित दूरी का ध्यान रखें। हर छोटे और बड़े कार के ब्लाइंड स्पॉट्स से बचने के लिए गाड़ी की स्पीड, सड़क पर चल रहे दूसरे वाहनों से उचित दूरी बनाकर रखें।
साइड मिरर सेट करें
कार के दोनों और केबिन में लगे मिरर को सेट करें, क्योंकि ऐसा करने से आप ब्लाइंड स्पॉट पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं। इसके अलावा ड्राइव के दौरान हमेशा मिरर देखें।
ब्लाइंड स्पॉट मिरर लगाएं
आप बाजार से Blind Spot Mirrors खरीद सकते हैं जोकि काफी किफायती दाम में मिल जाते हैं।इन्हें आप साइड मिरर में चिपका सकते हैं। ये 2 इंच साइज़ में मिलते हैं।
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