Ekadashi Vrat: भारतीय परंपरा में एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति बड़े से बड़े पाप से भी मुक्त हो जाता है। इसके प्रभाव से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और इस जगत में समस्त प्रकार के सुख तथा ऐश्वर्य भोग कर मृत्यु बाद मोक्ष पाता है। ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार एक हिंदू वर्ष में कुल 24 एकादशियां आती हैं। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है।
कब है योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi Vrat)
पंचांग की गणना के अनुसार एकादशी 13 जून को सुबह 9.28 बजे आरंभ होगी तथा अगले दिन 14 जून को 8.28 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उगते सूर्य की मान्यता के कारण एकादशी 14 जून को ही मनाई जाएगी। इसका पारण 15 जून को किया जाएगा।
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ऐसे करें एकादशी पर पूजा (Yogini Ekadashi Vrat Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठ कर शुभ मुहूर्त में गणेशजी की पूजा करें। इसके बाद भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करें। उन्हें पुष्प, माला, धूप, दीप, चंदन, मौली, प्रसाद, नैवेद्य आदि अर्पित करें। दिन में एकादशी का व्रत रखें। इस दिन व्रत भी रखना चाहिए। एकादशी का व्रत और पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही समस्त प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
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एकादशी पर ध्यान रखें ये बातें
शास्त्रों में एकादशी व्रत के कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों की पालना करने से ही व्रत का फल मिलता है। इस दिन लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, अंडे आदि तामसिक वस्तुओं से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। यथासंभव गरीबों की भोजन, वस्त्र, दवाईयां आदि देकर मदद करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।