Mangal Dosh: सामान्य तौर पर किसी कुंडली में मंगल ग्रह का कमजोर होना या किसी भी रूप से पीड़ित होना ‘मंगल दोष’ कहलाता है। कुंडली में मांगलिक दोष होना भी एक विशेष प्रकार का मंगल दोष है। आइय जानते हैं, मंगल दोष के लक्षण क्या हैं और इसे क्यों खतरनाक माना जाता है? साथ ही हम जानेंगे कि मंगल दोष के ज्योतिषीय कारण क्या-क्या होते हैं और इस ग्रह दोष की शांति के लिए अचूक उपाय क्या हैं?
मंगल दोष क्या है?
मंगल ग्रह का कुंडली में किसी भी रूप में पीड़ित, दूषित या कमजोर होना मंगल दोष माना जाता है, जो कुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर यदि यह ग्रह कुंडली में 6वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित होता है, तो इसे कमजोर माना जाता है। यदि मंगल अपनी नीच राशि कर्क में हो, तब यह सबसे कमजोर माना गया है। वहीं, मंगल ग्रह पर अशुभ ग्रहों जैसे शनि, राहु और केतु की दृष्टि, युति और संयोग होने मंगल दूषित और पीड़ित हो जाते हैं और अशुभ फल देने लगते हैं।
मंगल साहस, ऊर्जा, शक्ति, स्वास्थ्य, सबलता, वीरता, भूमि, वाहन, मकान, बड़ा भाई, बिजली आदि के कारक और स्वामी ग्रह है। मंगल दोष के कारण इन सभी पहलुओं पर गंभीर और नेगेटिव असर पड़ता है। यही कारण है कि मंगल दोष को खतरनाक माना गया है।
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मांगलिक दोष क्या है?
मांगलिक दोष होना मंगल दोष का विशेष प्रकार है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह लग्न, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में स्थित होते हैं, इसे ‘मांगलिक दोष’ कहा जाता है। इस दोष से विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में लड़ाई-झगड़े, तनाव और अलगाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति मांगलिक कहलाते है।
मंगल दोष के प्रमुख लक्षण
ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के बताते हैं कि मंगल दोष के लक्षणों को जीवन में घट रही घटनाओं और परेशानियों से नोट किया जा सकता है। वे कहते हैं कि जब मंगल कमजोर और पीड़ती होते हैं, तो जीवन मुश्किलों से घिरा रहता है। मंगल दोष के लक्षणों को आप इन घटनाओं और प्रॉबलम से पहचान सकते हैं”
- विवाह में देरी: यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमजोर है, तो विवाह में देरी हो सकती है। विवाह के बाद संबंध खराब हो सकते है।
- संतान उत्पत्ति में समस्या: मंगल दोष के कारण संतान उत्पत्ति में समस्याएं आ सकती हैं।
- कोर्ट-कचहरी के मामले: व्यक्ति को कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसने का खतरा बढ़ता है।
- गुस्सा और चिड़चिड़ापन: मंगल के पीड़ित होने के कारण व्यक्ति को बेवजह गुस्सा आने और चिड़चिड़ा स्वभाव होने का खतरा रहता है।
- रक्तचाप और त्वचा की समस्या: मंगल दोष होने पर रक्तचाप और त्वचा संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ता है।
- शत्रु हावी होना: पीड़ित मंगल के कारण व्यक्ति के शत्रु हावी हो सकते हैं।
- दुर्घटनाएं: व्यक्ति को दुर्घटनाओं का शिकार होने का खतरा बढ़ सकता है, विशेष वाहन दुर्घटना से।
- मांस और मदिरा का सेवन: मंगल के दूषित होने से व्यक्ति घोर मांसाहारी हो सकता है और अत्यधिक मदिरा सेवन कर सकता है।
- खून से संबंधित बीमारियां: मंगल ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को खून से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं, विशेष कर गुर्दे में पथरी, ब्लड प्रेशर, गठिया, फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं होती हैं।
मंगल दोष शांति के शास्त्रीय उपाय
- मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें, सुंदरकांड का पाठ करें।
- मंगलवार को लाल रंग के वस्त्र, मिठाई या दाल का दान करें।
- बड़ों (विशेष कर बड़े भाई-बहन) का सम्मान करें और गुस्से पर नियंत्रण रखें।
- अधिक से अधिक लाल रंग के कपड़े और चीजें पहनें।
- नियमित रूप से सौंफ का सेवन करें।
- किस अनुभवी ज्योतिष की सलाह मूंगा पहनें।
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