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धनु संक्रांति पर विनायक चतुर्थी का खास संयोग, जानें विधि और महत्व

Vinayaka Chaturthi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति और विनायक चतुर्थी दोनों एक दिन ही मनाई जाएगी। तो आज इस खबर में जानेंगे भगवान गणेश की पूजन विधि और महत्व के बारे में।

Vinayak Chaturthi
Vinayaka Chaturthi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन वरद चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी भी मनाई जाएगी। वरद चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजन एवं उनके दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कहा जाता है कि जब सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस तिथि को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मान्यता है इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से बेहद शुभ फल की प्राप्ति होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनु संक्रांति से खरमास शुरू हो जाता है। साथ ही सारे मांगलिक कार्य भी बंद हो जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे धनु संक्रांति व वरद चतुर्थी के दिन किस विधि से गणपति की पूजा करते हैं, तो आइए धनु संक्रांति व वरद चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं। यह भी पढ़ें- घर में रुद्राक्ष का तोरण लगाना शुभ या अशुभ ?

गणपति की पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले सूर्योदय से पहले स्नान करना होगा। उसके बाद नृत्य कर्मों से निवृत होकर किसी सरोवर या पवित्र नदी में स्नान करें।  उसके बाद आपको लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करना होगा और पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सुथरा करें। उसके बाद पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी रखें और उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर श्री गणेश की मूर्ति रखें। उसके बाद भगवान गणेश को पुष्प और जल अर्पित करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्प अर्पित करने के बाद गणेश भगवान के मंत्रों का जाप करें, साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें। अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें और क्षमा याचना करें। यह भी पढ़ें- कब है मोक्षदा एकादशी, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त, पारण का समय और महत्व

विनायक चतुर्थी का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणपति भगवान की पूजा किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले किया जाता है। कहा जाता है कि गणपति की पूजा करने से सारे दुख दूर हो जाता है। साथ ही कार्य में सफलता मिलती है, क्योंकि गणपति को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। विघ्नहर्ता सारे कष्टों को दूर करने में सहायक होते हैं। विनायक चतुर्थी के दिन जो जातक विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उन्हें भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उन जातक पर हर समय कृपा बना रहता है। यह भी पढ़ें- कुंडली में किस ग्रह दोष से होता है कौन रोग? डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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