Disease Causes Planet According to Astrology: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं, तो सभी राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही ग्रहों के राशि परिवर्तन से जातक के स्वास्थ्य पर भी असर होता है। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि जब भी किसी व्यक्ति की सेहत खराब होती है, तो उसका ग्रहों से संबंध हो सकता है।
ज्योतिषीय मान्यता है कि जब किसी जातक की कुंडली में ग्रह कमजोर होता है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होने लगता है। आज इस खबर में जानेंगे कि कुंडली में किस ग्रह की स्थिति कमजोर होने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर होता है।
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सूर्य ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, तो ऐसे में जातक के बाल जल्दी झड़ने लगते हैं। साथ ही सिर दर्द की समस्या भी बनी रहती है।
चंद्र ग्रह
जब किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। तो ऐसे में जातक को मानसिक समस्या होने लगती है। साथ ही जातक परेशान रहता है। व्यक्ति की सहन शक्ति कमजोर हो जाती है।
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मंगल ग्रह
माना जाता है कि कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होने से व्यक्ति के शरीर में खून संबंधी समस्या होने लगती है, क्योंकि मंगल ग्रह का संबंध खून से होता है।
बुध ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है, तो ऐसे में जातक के शरीर में चर्म रोग जैसी बीमारियां होने लगती हैं। साथ ही फेफड़ा खराब होने का भय बना रहता है। जातक को हकलाने की समस्या होने लगती है।
गुरु ग्रह
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है, तो जातक का व्यवहार नकारात्मक परिवर्तन होने लगता है।
शुक्र ग्रह
शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति अशुभ होता है, तो व्यक्ति का शरीर मोटा होने लगता है।
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शनि ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर होता है, अनेक तरह की बीमारियां होने लगती हैं। जैसे- यदि शनि की दृष्टि सूर्य ग्रह पर है, तो व्यक्ति को सिर दर्द होने लगता है। वहीं जब शनि की दृष्टि चंद्र पर हो तो जातक को जुकाम जैसी समस्या होने लगती है।
राहु ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु ग्रह को एक रहस्यमय ग्रह कहा गया है। इसलिए जब किसी जातक की कुंडली में राहु ग्रह कमजोर होता है तो व्यक्ति को रहस्यमयी रोग होता है। जैसे- दवा से रिएक्शन, एलर्जी और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
केतु ग्रह
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में केतु ग्रह कमजोर होता है, तो जातक के शरीर में फोड़े-फुंसियां होने लगती हैं। साथ ही मानसिक विकार उत्पन्न होने लगता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।