Shukra Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है। 26 जुलाई 2025 को शुक्र ने मिथुन राशि में प्रवेश किया था और अब 12 अगस्त 2025 को दोपहर 2:14 बजे यह पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर करेंगे। पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति हैं। यह नक्षत्र नवीकरण, रचनात्मकता और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। मिथुन राशि, के स्वामी बुध हैं और बुध ग्रह संचार, बौद्धिकता और सामाजिकता के कारक हैं। शुक्र और पुनर्वसु नक्षत्र का यह संयोजन कई राशियों के लिए शुभ फल देगा।
मिथुन राशि में शुक्र होने से व्यक्ति की संचार शैली, बौद्धिक क्षमता और सामाजिक रिश्तों को मजबूत होती है। पुनर्वसु नक्षत्र एक नई शुरुआत, रचनात्मकता और आध्यात्मिक प्रगति का कारक माना जाता है। बृहस्पति के प्रभाव के कारण इस नक्षत्र में शुक्र की ऊर्जा सकारात्मकता, विस्तार और ज्ञान से युक्त होती है। यह गोचर उन राशियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो शुक्र और बृहस्पति की ऊर्जा से प्रभावित होती हैं। यह समय प्रेम, करियर, वित्त और रचनात्मक कार्यों में प्रगति के लिए अनुकूल रहेगा। आइए जानते हैं कि इस गोचर से किन राशि वालों को लाभ होगा?
वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं। इस गोचर के दौरान शुक्र वृषभ राशि वालों के दूसरे भाव को प्रभावित करेंगे। पुनर्वसु नक्षत्र इस भाव में सकारात्मक बदलाव लाएगा। इस समय धन संचय के अवसर बढ़ेंगे और आय के नए स्रोत बन सकते हैं। परिवार में सुख-शांति और मधुरता का माहौल रहेगा। लव रिलेशनशिप्स में स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा, जिससे रिश्ते और मजबूत होंगे। पुराने निवेशों से अच्छा रिटर्न मिल सकता है और व्यापार में लाभ की संभावना रहेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र का यह गोचर प्रथम भाव में होगा, जो व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और आकर्षण का भाव है। पुनर्वसु नक्षत्र में शुक्र का प्रवेश आपके लिए नई ऊर्जा और अवसर लेकर आएगा। आपका व्यक्तित्व और आकर्षण इस दौरान चमकेगा, जिससे सोशल और प्रोफेशनल लाइफ में लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे। यह समय रचनात्मक कार्यों, जैसे लेखन, डिजिटल मीडिया, या संचार से जुड़े क्षेत्रों में प्रगति के लिए विशेष रूप से शुभ है। प्रेम संबंधों में मधुरता और गहराई आएगी और अविवाहित लोगों के लिए नए रिश्तों की शुरुआत संभव है। करियर में नई उपलब्धियां हासिल होंगी और पुराने निवेशों से लाभ या आय के नए स्रोत बन सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र का यह गोचर दशम भाव में होगा, जो करियर, सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रोफेशनल सक्सेस का भाव है। पुनर्वसु नक्षत्र की ऊर्जा इस प्रभाव को और सकारात्मक बनाएगी। इस दौरान कार्यक्षेत्र में तरक्की के नए अवसर मिलेंगे और नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। व्यापारियों के लिए नए प्रोजेक्ट्स या साझेदारियां लाभकारी साबित होंगी। प्रेम और वैवाहिक जीवन में स्थिरता और खुशियां बढ़ेंगी। आय के नए स्रोत बनेंगे और लंबे समय से अटके हुए कार्य पूरे होने की संभावना है।
तुला राशि
तुला राशि के भी स्वामी शुक्र हैं। इस गोचर के दौरान शुक्र नवम भाव को प्रभावित करेंगे। पुनर्वसु नक्षत्र का प्रभाव आपके भाग्य को और मजबूत करेगा। इस समय आपका भाग्य प्रबल रहेगा और धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा से जुड़े अवसर मिल सकते हैं। लव रिलेशनशिप्स में रोमांस और मधुरता बढ़ेगी, जिससे रिश्तों को मजबूत करने का यह एक अच्छा समय है। व्यवसाय में विस्तार होगा, और निवेश से लाभ की संभावना रहेगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र का यह गोचर पंचम भाव को प्रभावित करेगा। पुनर्वसु नक्षत्र की बृहस्पति की ऊर्जा रचनात्मकता और प्रेम को बढ़ाएगी। इस दौरान रचनात्मक कार्यों, जैसे कला, डिजाइन या लेखन में सफलता मिलेगी। स्टूडेंट्स को पढ़ाई में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रेम संबंधों में रोमांस और उत्साह का माहौल रहेगा और अविवाहित लोगों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। करियर में रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोग विशेष रूप से लाभान्वित होंगे।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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