Zodiac Signs: बृहस्पतिवार 6 फरवरी, 2025 की शाम में 7 बजकर 37 मिनट पर वैदिक ज्योतिष के दो बेहद शक्तिशाली ग्रह सूर्य और शनि एक-दूसरे से न्यूनतम 30 डिग्री पर स्थित हो गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस खगोलीय स्थिति को द्विद्वादश योग कहा जाता है। ज्योतिषीय भाषा में कहें तो सूर्य और शनि यह योग तब बनता है, जब कालपुरुष कुंडली में सूर्य दूसरे भाव में शनि 12वें भाव में अवस्थित होकर राशियों को द्विद्वादश दृष्टि से देखते हैं। इस योग को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ और फलदायी माना गया है।
सूर्य-शनि के द्विद्वादश योग का ज्योतिष महत्व
सूर्य आत्मा, स्वाभिमान, नेतृत्व, शक्ति और जीवन शक्ति के कारक यानी स्वामी और नियंत्रक ग्रह हैं, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व, पहचान और आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं। वहीं, शनि अनुशासन, परिश्रम, धैर्य, कर्म और अनुशासन के कारक ग्रह हैं, जो व्यक्ति के स्थायित्व, मेहनत और समय के साथ सुधार के गुणों को बढ़ाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के नियमों के अनुसार, जब सूर्य और शनि एक विशेष स्थिति में एक साथ आते हैं, तो इसे ज्योतिष शास्त्र में सूर्य-शनि योग कहा जाता है। जब ये दोनों ग्रह द्विद्वादश योग बनाते हैं, तब ये एक-दूसरे से आगे पीछे होते है। इससे इनकी ऊर्जा के प्रवाह में टकराहट अपने न्यूनतम स्तर पर होती है। परिणामस्वरूप, सूर्य और शनि में विरोध होने के बावजूद, ये दोनों ग्रह जातकों के लिए बेहद लाभकारी हो जाते हैं।
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सूर्य-शनि के द्विद्वादश योग का राशियों पर असर
सूर्य-शनि के द्विद्वादश योग के विशेष प्रभाव से तीन राशियों पर बेहद सकारात्मक असर होने के योग बने हैं। इन राशियों के जातकों को न केवल स्वास्थ्य, शोहरत और धन का वरदान मिलेगा, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और संतुलन की नई राह खुलने के योग बने हैं।
सिंह राशि
सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं। जब इस योग के असर से सूर्य-शनि सक्रिय हो गए हैं, तो इससे आपकी नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी। इस योग से इस राशि जातक काफी लाभ में रहेंगे। शारीरिक ऊर्जा में सुधार और तंदुरुस्ती बनी रहेगी। आप अपनी दिनचर्या में अनुशासन के साथ स्वास्थ्य का ध्यान रख पाएंगे। आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में बढ़ोतरी होगी। कार्यक्षेत्र में आपकी उपलब्धियां सामने आएंगी और लोगों में आपकी पहचान और मान्यता बनी रहेगी। मेहनत के फल स्वरूप आर्थिक दृष्टि से भी आप समृद्धि के नए अवसरों से रूबरू होंगे। व्यापार या नौकरी में मिलने वाले प्रोत्साहन आपके बजट में सकारात्मक वृद्धि करेंगे। सूर्य की प्रभावशाली उपस्थिति आपके पेशेवर जीवन में नई दिशाएं खोलेगी, जिससे प्रमोशन, नेतृत्व के नए अवसर और उच्च पदों पर पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी।
मकर राशि
शनि की छाया में दृढ़ता और सूर्य की गर्मी में उभरता उत्साह मकर राशि वायलिन को जीवन के नए और फलदायी रास्ते पर आगे बढ़ाएगा। मकर राशि पर शनि का प्रभाव हमेशा ही अनुशासन, परिश्रम और स्थायित्व लाता है और जब सूर्य इस ऊर्जा में अपना योगदान देते हैं, तो शारीरिक तंदुरुस्ती और मानसिक संतुलन में सुधार होने के योग बनते हैं। नियमित दिनचर्या और स्वस्थ आदतों से आप फिट रहेंगे। आपके कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत और लगन को लोगों द्वारा सराहा जाएगा। आपके प्रयासों के परिणामस्वरूप सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आर्थिक मामलों में सतर्कता और योजनाबद्ध निवेश से आय में वृद्धि होगी। मेहनत के साथ-साथ बुद्धिमानी से लिए गए निर्णय धन-संपदा में इजाफा करेंगे। सूर्य-शनि योग आपके व्यवसाय या नौकरी में नए अवसरों के द्वार खोलेंगे।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों में कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता की खूबियां होती हैं। सूर्य-शनि के इस योग से इस राशि के जातकों में रचनात्मकता में अनुशासन का संचार होगा। परिणामस्वरूप हर काम समय पर पूरे होंगे। आपकी रचनात्मकता और काम के प्रति लगन आपको पेशेवर और सामाजिक दोनों स्तरों पर पहचान दिलाएगी। आपके प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिलने लगेगा। मेहनत और नियमितता से आप आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेंगे। नए निवेश के अवसर और अतिरिक्त आय के स्रोत आपके जीवन में प्रवेश करेंगे। मानसिक शांति के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। ध्यान और योग जैसी गतिविधियों से आप तरोताजा महसूस करेंगे। आपका दृढ़ निश्चय और प्रबंधन क्षमता आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।